
जाने-माने उपन्यासकार वेद प्रकाश शर्मा का निधन हो गया है. शुक्रवार देर रात उनके निधन की खबर आई. वे 62 वर्ष के थे. 06 जून 1955 को जन्मे वेद प्रकाश 'वर्दी वाला गुंडा' नामक उपन्यास से मशहूर हुए थे. उन्होंने कुल 176 उपन्यास लिखे थे. उनका पहला उपन्यास था 'दहकता शहर' जो साल 1973 में प्रकाशित हुआ था.
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बीमार थे वेद प्रकाश
बताया जा रहा है कि वे करीब एक साल से बीमार थे. फेफड़े में संक्रमण से परेशान थे. मुंबई से भी उनका इलाज चला था.
दूसरों के नाम से लिखा करते थे
बताया जाता है कि काफी समय तक वेद प्रकाश ने दूसरों के नाम से लिखा. जब उनके लिखे उपन्यास पढ़े जाने लगे तो वे जिनके नाम से लिखते थे, वो लोग चर्चित होने लगे. इसके बाद उन्होंने पहली बार 1973 में 'आग के बेटे' में अपना नाम उपन्यास के पहले पृष्ठ पर छापा था. इसके बाद के उपन्यासों में उनके नाम के साथ फोटो भी छापे जानी लगी. 'कैदी नंबर 100' नॉवेल तो इतना लोकप्रिय हुआ था कि उसकी 2,50,000 प्रतियां छापी गई थीं.
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वर्दी वाला गुंडा
ये ऐसा उपन्यास था जिससे वे पूरे देश में मशहूर हो गए. 1993 में आए इस उपन्यास ने मानो तहलका मचा दिया था. पाठकों की इतनी बड़ी संख्या में उन्हें चिट्ठियां भेजीं कि वे उन्हें पढ़ ही नहीं पाते थे. वेद प्रकाश हमेशा यही चाहते थे कि उन्हें ऐसे लेखक के तौर पर याद किया जाए जो लोगों को सामाजिक संदेश दें और साथ में मनोरंजन भी करें.