
लोकसभा चुनाव में एक ओर जहां नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए ने बंपर जीत हासिल है तो वहीं आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी की जोरदार आंधी में चंद्रबाबू नायडू अपना किला भी नहीं बचा सके और उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. वाईएसआरसीपी दो तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल की है. 175 सदस्यीय विधानसभा में वाईएसआरसीपी ने 151 सीटों पर जीत हासिल की.
इस बीच राज्य में करारी हार को देखते हुए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. शुक्रवार दोपहर तक चले मतगणना में सत्तारुढ़ तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) को महज 23 सीट मिली. आंध्र प्रदेश की सभी 175 विधानसभा सीटों पर लोकसभा चुनाव के पहले चरण यानी 11 अप्रैल को चुनाव हुए थे.
तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू लोकसभा चुनाव के दौरान नई सरकार के गठन को लेकर बेहद सक्रिय थे, लेकिन इस बार चुनाव में उनकी स्थिति बेहद खराब रही. पार्टी का यह सबसे खराब प्रदर्शन है.
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जन सेना पार्टी को 1 सीट
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने आंध्र प्रदेश में अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की है. हालांकि सत्तारुढ़ तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) को बड़ा झटका लगा और 25 सीट भी नहीं जीत सकी.
आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस ने क्लीन स्वीप करते हुए 151 सीटें जीती तो मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी को महज 23 सीटें मिली जबकि अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण की जन सेना पार्टी ने एक सीट पर जीत हासिल की.
वाईएस जगनमोहन रेड्डी की अगुवाई वाली वाईएसआरसीपी ने 175 सीटों वाली विधानसभा में तीन चौथाई से ज्यादा बहुमत हासिल की है. वाईएसआरसी के सूत्रों ने बताया कि पार्टी के विधायक दल की बैठक 25 मई को होगी जिसमें जगनमोहन रेड्डी को नेता चुना जाएगा. सूत्रों ने बताया कि रेड्डी मंदिरों के शहर तिरुपति में 30 मई को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.
जनता की जीत
जगनमोहन रेड्डी ने इस ऐतिहासिक जीत को जनता की जीत करार दिया. उन्होंने कहा कि वाईएसआरसी की जीत अपेक्षित थी. रेड्डी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘मैं उन लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने वाईएसआरसी की शानदार जीत के लिए वोट किया. मैं बड़ी संख्या में वोट करने के लिए भी जनता का शुक्रिया अदा करता हूं क्योंकि उन्होंने वोट करके लोकतंत्र के मूल्यों को बढ़ाया.’ उन्होंने वादा किया कि वह लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे.
इस जीत पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने जगनमोहन रेड्डी को फोन करके उन्हें चुनाव में जीत की बधाई दी. केसीआर ने रेड्डी को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि वह आंध्र प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जाएंगे.
एग्जिट पोल सर्वे
इससे पहले चुनाव बाद आजतक एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों में से वाईएसआर कांग्रेस को 119-135 सीटें मिलती दिख रही है. जबकि चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी को 39-51 सीटें मिल रही हैं. इसके अलावा पवन कल्याण की पार्टी जेएसपी को 1-3 सीटें और अन्य को 2 सीटें मिल रही है. बता दें कि 2014 में आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 175 सीटों में से टीडीपी को 115, वाईएसआर कांग्रेस को 70 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.
वहीं, अगर आंध्र प्रदेश की 175 सीटों के वोट शेयर के लिहाज से देखें तो वाईएसआर कांग्रेस को 48 फीसदी, टीडीपी को 40 फीसदी, जेएसपी को 6 फीसदी और अन्य को 6 फीसदी वोट मिल रहा है. ऐसे में अगर जातीय लिहाज से वोट शेयर को देखें तो वाईएसआर कांग्रेस को 54 फीसदी आदिवासी, 52 फीसदी दलित, 50 फीसदी मुस्लिम, 45 फीसदी ओबीसी, 42 फीसदी काप्पू और 47 फीसदी अन्य समुदाय का वोट मिल रहा है.
वहीं, टीडीपी को 30 फीसदी आदिवासी, 36 फीसदी दलित, 38 फीसदी मुस्लिम, 45 फीसदी ओबीसी, 39 फीसदी काप्पू और 41 फीसदी अन्य समुदाय का वोट मिल रहा है. इसके अलावा जेएसपी को 5 फीसदी आदिवासी, 6 फीसदी दलित, 6 फीसदी मुस्लिम, 5 फीसदी ओबीसी, 13 फीसदी काप्पू और 6 फीसदी अन्य समुदाय का वोट मिल रहा है.
चंद्रबाबू नायडू के लिए काफी अहम
यह विधानसभा चुनाव चंद्रबाबू नायडू के लिए काफी अहम माना जा रहा था. दरअसल, लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने में चंद्रबाबू नायडू ने अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन परिणाम के बाद सब कुछ खत्म होता दिख रहा है. इसके साथ ही केंद्र की मोदी सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव मैदान में थे. बता दें कि नायडू की पार्टी ने 2018 में आंध्र प्रदेश के विशेष राज्य के दर्जे को लेकर मोदी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.