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हरियाणा चुनाव: AAP ने पहली लिस्ट में जताया जमीनी कार्यकर्ताओं पर भरोसा, जानिए कांग्रेस से क्यों नहीं बन पाई बात

सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन की राह में सबसे बड़ा रोड़ा सीटों की डिमांड को लेकर हुआ. आम आदमी पार्टी की तरफ से करीब 10 सीटों की डिमांड रखी गई जबकि कांग्रेस की तरफ से 3 से 5 सीटों का ऑफर दिया. आम आदमी पार्टी की तरफ से जो सीटें मांगी गई, उन सीटों को कांग्रेस देने को तैयार नहीं हुई.

आम आदमी पार्टी ने हरियाणा चुनाव के लिए घोषित किए 20 उम्मीदवार (File Photo) आम आदमी पार्टी ने हरियाणा चुनाव के लिए घोषित किए 20 उम्मीदवार (File Photo)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 09 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:53 PM IST

पिछले कुछ दिनों से हरियाणा चुनाव को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन पर वार्ता चल रही थी, सीटों के बंटवारे को लेकर मंथन और चिंतन हुआ, माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद INDIA ब्लॉक की एकजुटता राज्यों के चुनाव में भी बरकरार रहेगी लेकिन सोमवार को आम आदमी पार्टी की तरफ से 20 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी गई. AAP की लिस्ट में 11 नाम ऐसे उम्मीदवारों के है जो अब विधानसभा में कांग्रेस के उम्मीदवारों के खिलाफ लड़ेंगे.

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आप सूत्रों के अनुसार, जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण और उनकी जीत की संभावना को देखते हुए उम्मीदवारों के नाम तय किए गए हैं. AAP का मानना ​​है कि ये उम्मीदवार भाजपा और कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने के लिए काफी मजबूत हैं.

मूल कार्यकर्ताओं पर जताया भरोसा 
जब गठबंधन को लेकर कांग्रेस से बात नहीं बन पाई तो आम आदमी पार्टी ने सोमवार को हरियाणा चुनाव के लिए 20 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. अपनी पहली सूची में AAP ने जातिगत आधार के बजाय जमीनी आधार वाले अपने मूल कार्यकर्ताओं को तरजीह दी है. हरियाणा के चुनावी रण में AAP द्वारा जारी की गई पहली सूची में कोई दलबदलू शामिल नहीं है.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस पर दबाव या अलगाव? हरियाणा विधानसभा चुनाव में AAP ने उतारे 20 उम्मीदवार

आम आदमी पार्टी ने कलायत विधानसभा से अनुराग ढांडा, नारायणगढ़ से गुरपाल सिंह, पूंडरी से पूर्व मंत्री नरेंद्र शर्मा, घरौंडा से जयपाल शर्मा, असंध से अमनदीप जुंडला, समालखा से बिट्टू पहलवान, उचाना कलां से पवन फौजी, डबवाली से कुलदीप गदराना को मैदान में उतारा है. वहीं रानिया से हैप्पी रानिया, भिवानी से इंदु शर्मा, महम से विकास नेहरा, रोहतक से बिजेंद्र हुड्डा, बहादुरगढ़ से कुलदीप छिक्कारा, बादली से रणबीर गुलिया, बेरी से सोनू अहलावत शेरिया, महेंद्रगढ़ से मनीष यादव, नारनौल से रविंद्र मटरू, बादशाहपुर, सोहना से वीर सिंह सरपंच, सोहना से धर्मेंद्र खटाना और बल्लभगढ़ से रविंद्र फौजदार को चुनावी मैदान में उतारा है.

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लिस्ट के बड़े नाम
-आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा जो पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं.
-नरेंद्र शर्मा हरियाणा के पूर्व सिंचाई मंत्री रह चुके हैं. वे 1999 में इनेलो सरकार में मंत्री रहे. बाद में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा.
-मनीष यादव डॉक्टर रहे हैं और फोरेंसिक मेडिसिन में एमडी हैं तथा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े रहे हैं.
-रविंद्र सिंह मटरू समाजसेवी हैं.
-हैप्पी रानिया किसानों से जुड़े रहे हैं.
-जयपाल शर्मा लंबे समय से राजनीति से जुड़े हैं और 2005 में निर्दलीय और 2009 में भी चुनाव लड़ चुके हैं.

आप ने उन 11 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जहां कांग्रेस पहले ही अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. इन सीटों में उचाना कलां, महम, बादशाहपुर, नारायणगढ़, समालखा, डबवाली, रोहतक, बहादुरगढ़, बादली, बेरी और  महेंद्रगढ़ शामिल हैं.

कैसे बिगड़ गई गठबंधन पर बात
आखिर बात बनते-बनते कैसे बिगड़ गई, तो इसकी इनसाइड स्टोरी आपको बताते हैं. दरअसल हरियाणा चुनाव की बैठक के दौरान राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी के साथ- गठबंधन पर सहमति जताई, इसके बाद आम आदमी पार्टी की तरफ से भी गठबंधन की इच्छा जाहिर की गई. गठबंधन का फॉर्मूला क्या होगा? इसे लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा और हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया के बीच कई राउंड की वार्ता हुई.

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यह भी पढ़ें: हरियाणा विधानसभा चुनाव: टिकट न मिलने पर राजेश जून ने छोड़ी कांग्रेस, बोले मैं निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ेंगे इलेक्शन

सूत्रों के मुताबिक गठबंधन की राह में सबसे बड़ा रोड़ा सीटों की डिमांड को लेकर हुआ. आम आदमी पार्टी की तरफ से करीब 10 सीटों की डिमांड रखी गई जबकि कांग्रेस की तरफ से 3 से 5 सीटों का ऑफर दिया. आम आदमी पार्टी की तरफ से जो सीटें मांगी गई, उन सीटों को कांग्रेस देने को तैयार नहीं हुई. कई राउंड की बातचीत के बाद 5 सीटों तक बात पहुंची, कांग्रेस पांच सीटें देने को राजी हुई लेकिन उन सभी सीटों पर BJP का होल्ड है. यानी गठबंधन के बावजूद जीत की गुंजाइश कम है.

वही दूसरी तरफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की लोकल लीडरशिप गठबंधन के खिलाफ है.  आम आदमी पार्टी की ओर से साफ किया गया है कि अगर गठबंधन नहीं होता है तो वो 90 सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार है. उधर कांग्रेस के स्थानीय नेता भी आप के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं. 

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