
केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल चेहरा हैं. सत्ताधारी दल के सीएम कैंडिडेट अरविंद केजरीवाल ने अब अपने डिप्टी सीएम के नाम का भी ऐलान कर दिया है. केजरीवाल ने 26 जनवरी को जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र में हुई रैली में यह ऐलान किया कि मनीष सिसोदिया उनकी सरकार में डिप्टी सीएम होंगे.
केजरीवाल ने सिसोदिया को अपना सबसे प्रिय, अपना सेनापति भी कहा. जंगपुरा सीट से सिसोदिया ही उम्मीदवार हैं और केजरीवाल उनके पक्ष में रैली करने पहुंचे थे. अब सवाल है कि केजरीवाल को डिप्टी सीएम के लिए मनीष सिसोदिया के नाम का ऐलान क्यों करना पड़ा? इसे चार पॉइंट में समझा जा सकता है.
1- सिसोदिया का एजुकेशन सिस्टम विकास का चुनावी मॉडल
दिल्ली से देश में विस्तार की रणनीति पर काम कर रही आम आदमी पार्टी दूसरे राज्यों के चुनाव में दिल्ली के एजुकेशन सिस्टम को मॉडल के तौर पर ले जाती रही है. दिल्ली चुनाव में भी फ्री बिजली-पानी और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा के साथ एजुकेशन सिस्टम आम आदमी पार्टी के चुनाव अभियान की धुरी है. दिल्ली के एजुकेशन सिस्टम की बात मनीष सिसोदिया को दरकिनार कर किया जाना उतना प्रभावी नहीं हो सकता क्योंकि इसके लिए क्रेडिट सिसोदिया को ही दिया जाता रहा है.
2- शराब घोटाले के नैरेटिव की काट
दिल्ली चुनाव में शराब घोटाले का मुद्दा विपक्ष जोर-शोर से उठा रहा है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से लेकर कांग्रेस तक, शराब घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी पर हमलावर हैं. बीजेपी अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले का किंगपिन बता घेर रही है. वहीं, आम आदमी पार्टी की कोशिश इसे जनता के बीच राजनीतिक कार्रवाई के रूप में स्थापित करने की है.
शराब घोटाले का मुद्दा जिस आबकारी विभाग से जुड़ा हुआ है, वह सिसोदिया के ही पास था. अब आम आदमी पार्टी की ओर से सिसोदिया को डिप्टी सीएम फेस घोषित किया जाना विपक्ष के शराब घोटाला वाले नैरेटिव को काउंटर करने की रणनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
3- सिसोदिया की संगठन में स्वीकार्यता
मनीष सिसोदिया की इमेज आम आदमी पार्टी में अरविंद केजरीवाल के बाद नंबर दो नेता की रही है. सिसोदिया को संगठन का आदमी माना जाता है. ऐसे समय में जब आम आदमी पार्टी की सरकार के सामने कमोबेश 12 साल के शासनकाल को लेकर एंटी इनकम्बेंसी की चुनौती है, कई नेता मंत्री पद से इस्तीफा देकर दूसरे दलों में जा चुके हैं. राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल आम आदमी पार्टी में रहते हुए पार्टी को घेरने का कोई मौका नहीं चूक रहीं, सत्ताधारी दल को लग रहा है कि केजरीवाल मैजिक के साथ सिसोदिया जैसा संगठन में स्वीकार्य चेहरे को डिप्टी सीएम के लिए प्रोजेक्ट करने से जीत की संभावनाएं बढ़ सकती हैं.
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4- पुराने सहयोगियों को तवज्जो नहीं देने के आरोप
आम आदमी पार्टी के बतौर सियासी दल गठन से लेकर अब तक अरविंद केजरीवाल के कई करीबी सहयोगी पार्टी छोड़कर जा चुके हैं. कुछ महीने पहले आतिशी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देकर कैलाश गहलोत ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. अपने साथ हुई मारपीट की कथित घटना के बाद राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के बागी तेवर भी आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं. अरविंद केजरीवाल पर पुराने सहयोगियों को तवज्जो न देने के आरोप लग रहे थे और अब उनका सिसोदिया को डिप्टी सीएम फेस घोषित करना इन आरोपों को काउंटर करने की रणनीति का हिस्सा भी बताया जा रहा है.
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5 फरवरी को होना है मतदान, नतीजे 8 को आएंगे
बता दें कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को एक ही चरण में वोट डाले जाने हैं. वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी. आम आदमी पार्टी ने मनीष सिसोदिया को इस बार पटपड़गंज की जगह जंगपुरा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. सिसोदिया पटपड़गंज सीट पर 2020 के चुनाव में करीबी मुकाबले में फंस गए थे.