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'तीन कृषि कानून जो वापस लिए थे, उन्हें फिर लागू करने की तैयारी में केंद्र...', केजरीवाल का बड़ा आरोप

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में किसान कई दिनों से धरने और अनिश्चित अनशन पर बैठे हैं. इनकी वही मांगे हैं, जो केंद्र सरकार ने तीन साल पहले मान ली थी लेकिन अभी तक लागू नहीं की. बीजेपी सरकार अब अपने वादे से मुकर गई. बीजेपी सरकार किसानों से बात तक नहीं कर रही. उसे बात तो करो.

अरविंद केजरीवाल अरविंद केजरीवाल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:01 PM IST

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने किसानों के आंदोलन को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने केंद्र पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने तीन साल पहले जो तीन काले कानून वापस लिए थे. उन्हें दोबारा लागू करने की तैयारी की जा रही है.

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में किसान कई दिनों से धरने और अनिश्चित अनशन पर बैठे हैं. इनकी वही मांगे हैं, जो केंद्र सरकार ने तीन साल पहले मान ली थी लेकिन अभी तक लागू नहीं की. बीजेपी सरकार अब अपने वादे से मुकर गई. बीजेपी सरकार किसानों से बात तक नहीं कर रही. उसे बात तो करो. हमारे ही देश के किसान हैं. बीजेपी को इतना ज्यादा अहंकार क्यों है कि किसी से बात भी नहीं करते?

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केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में जो किसान अनिश्चित अनशन पर बैठे हैं, भगवान उन्हें सलामत रखें लेकिन यदि उन्हें कुछ होता है तो इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार होगी. देशभर के किसानों की जानकारी के लिए मैं बता दूं कि जो तीन काले कानून केंद्र ने तीन साल पहले किसानों के आंदोलन की वजह से वापिस लिए थे, उन्हें  पॉलिसी कहकर केंद्र सरकार पिछले दरवाजे से दोबारा लागू करने की तैयारी कर रही है. इस पॉलिसी की कॉपी उनके विचार जानने के लिए केंद्र ने सभी राज्यों को भेजी है.

37 दिन से अनशन पर हैं डल्लेवाल

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 37 दिन से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. उन्होंने कहा कि वह अपना विरोध जारी रखने के लिए गांधीवादी तरीके का पालन करे रहे हैं. उन्होंने किसी भी तरह की चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है.

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बता दें कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसान केंद्र पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी भी शामिल है. इससे पहले भी पंजाब सरकार के अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय टीम ने डल्लेवाल से मुलाकात की थी और उनसे अनुरोध किया था कि अगर वह अपना अनशन जारी रखना चाहते हैं, तो भी वे चिकित्सा उपचार स्वीकार करें. 

आतिशी और शिवराज सिंह चौहान का लेटर वॉर!

इससे पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी के किसानों की स्थिति को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को चिट्ठी लिखी थी, जिसका जवाब देते हुए आतिशी ने कहा कि बीजेपी का किसानों के बारे में बात करना वैसे ही है, जैसे दाऊद अहिंसा पर प्रवचन दे रहा हो.

आतिशी ने कहा कि जितना बुरा हाल किसानों का बीजेपी के समय हुआ, उतना कभी नहीं हुआ. पंजाब में किसान आमरण अनशन पर बैठे हैं, मोदी जी से कहिए उनसे बात करें. किसानों के साथ राजनीति करना बंद करें क्योंकि बीजेपी के राज में किसानों पर गोलियां और लाठियां चलाई गई थीं.

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