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'राजनीति करनी है तो चुनाव लड़ लें राजीव कुमार', मुख्य चुनाव आयुक्त पर केजरीवाल का सबसे बड़ा वार

पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि अगर मुख्य चुनाव आयुक्त को राजनीति करनी है तो दिल्ली की किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ लें. मुझे नहीं लगता कि चुनाव आयोग को कभी इतना बर्बाद किया गया है. मुझे पता है कि वे मुझे दो दिन के भीतर जेल में डाल देंगे. उन्हें डालने दो. मुझे डर नहीं है.

अरविंद केजरीवाल और मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार अरविंद केजरीवाल और मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना विवाद पर मुख्य चुनाव आयुक्त को लेकर गुरुवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग राजनीति कर रहा है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रिटायरमेंट के बाद नौकरी की तलाश में है इसलिए राजनीति कर रहे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि अगर मुख्य चुनाव आयुक्त को राजनीति करनी है तो दिल्ली की किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ लें. हम उन्हें भी यमुना के पानी की तीन बोतलें भेज रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि चुनाव आयोग को कभी इतना बर्बाद किया गया है. मुझे पता है कि वे मुझे दो दिन के भीतर जेल में डाल देंगे. उन्हें डालने दो. मुझे डर नहीं है. देश ने पहले कभी इस तरह के चुनाव नहीं देखे हैं.

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केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मैं राजीव कुमार से कहना चाहता हूं कि इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा. चुनाव आयोग को जितना बर्बाद राजीव कुमार ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया. मुझे पता है कि ये दो दिन के अंदर मुझे जेल में डालेंगे. जिस तरह की भाषा चुनाव आयोग ने लिखी है, वह आयोग की भाषा नहीं है. खुलेआम दिल्ली के अंदर गुंडागर्दी मची है, चादरें बांटी जा रही है. इस तरह का चुनाव कभी दिल्ली की जनता ने नहीं देखा. मैं तीन बोतलें चुनाव आयोग के पास भी भेज दूंगा. हमारे पास 20 बोतलें हैं, जो हमने रात में बनवाई हैं. हम तीन बोतलें राजीव कुमार को भेज देंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस में वो पीकर दिखा दें. हम मान जाएंगे कि हमसे गलती हुई है.

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बता दें कि दिल्ली चुनाव से पहले 'यमुना में जहर' वाले बयान पर अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. चुनाव आयोग ने इस मामले पर AAP चीफ केजरीवाल से 5 सवाल पूछते हुए कल 11 बजे तक जवाब देने के लिए कहा है.

उनसे जो पांच सवाल पूछे गए हैं, उनमें पहला सवाल है कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी में किस प्रकार का जहर मिलाया? इस जहर की मात्रा, प्रकृति और इसे पहचानने के तरीके का क्या प्रमाण है, जिससे नरसंहार हो सकता था? जहर कहां पाया गया था? दिल्ली जल बोर्ड के किन इंजीनियरों ने इसे कहां और कैसे पहचाना? इंजीनियरों ने जहरीले पानी को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए कौन सा तरीका अपनाया?

यमुना को लेकर क्या है विवाद?

बता दें कि 27 जनवरी को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की तरफ से दिल्ली को उपलब्ध कराए जा रहे पानी की खराब गुणवत्ता का मुद्दा उठाया था. केजरीवाल ने कहा था,'लोगों को पानी से वंचित करना, इससे बड़ा पाप कुछ भी नहीं है. भाजपा अपनी गंदी राजनीति से दिल्ली की जनता को प्यासा छोड़ना चाह रही है. वे हरियाणा से भेजे जा रहे पानी में जहर मिला रहे हैं. केजरीवाल ने आगे कहा था,'यह प्रदूषित पानी इतना जहरीला है कि इसे दिल्ली में मौजूद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की मदद से उपचारित नहीं किया जा सकता है. भाजपा दिल्लीवासियों की सामूहिक हत्या करना चाहती है. पर हम ऐसा नहीं होने देंगे.'

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BJP-कांग्रेस ने उठाए सवाल

अरविंद केजरीवाल की इस टिप्पणी के बाद भाजपा और कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. दोनों ने केजरीवाल के दावों की सत्यता पर सवाल उठाया था. इसके बाद चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी किया था और उनसे अपने बयानों के समर्थन में तथ्यात्मक सबूत उपलब्ध कराने को कहा था. केजरीवाल को पहले 29 जनवरी की रात 8 बजे तक की डेडलाइन दी गई थी. अरविंद केजरीवाल ने जवाब दाखिल किया था और अपने दावों के समर्थन में दिल्ली जल बोर्ड के CEO के पत्र का हवाला दिया था. उन्होंने कहा था कि ये टिप्पणियां एक नागरिक मुद्दे को उजागर करने के लिए की गई थीं.

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