
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. 15 जनवरी से एनडीए की संयुक्त बैठक की शुरुआत होगी, जो 25 फरवरी तक चलेगी. यह बैठक पांच चरणों में आयोजित की जाएगी.
बैठकों का मुख्य उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव में NDA को 225 सीटों पर जीत दिलाने के लिए रणनीति तैयार करना है. इसके लिए NDA के सभी दलों के प्रदेश अध्यक्ष, जिला स्तर के नेता, प्रखंड स्तर के नेता और पंचायत स्तर के नेता बैठक में भाग लेंगे.
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इन बैठकों का आयोजन हर जिले में होगा, जहां एनडीए के नेता अपने क्षेत्रीय नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे. इस दौरान यह तय किया जाएगा कि चुनावी रणनीति को जमीनी स्तर पर कैसे लागू किया जाए.
एनडीए ने इस संयुक्त बैठक के जरिए अपने सहयोगी दलों के बीच समन्वय को मजबूत करने का प्रयास किया है. इन बैठकों के जरिए गठबंधन के कार्यकर्ता और नेता एक मंच पर आकर आगामी चुनाव की रूपरेखा तैयार करेंगे.
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बैठक के दौरान एनडीए का मुख्य फोकस होगा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनावी रणनीति में कैसे शामिल किया जाए और गठबंधन के हर घटक दल के बीच बेहतर तालमेल स्थापित किया जा सके. NDA के इस कदम को बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एक मजबूत तैयारी के रूप में देखा जा रहा है.
बिहार में 2025 का विधानसभा चुनाव राजनीति के नए समीकरण तय कर सकता है. राज्य विधानसभा चुनाव में NDA और 'INDIA' गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर होने की उम्मीद है. NDA अपने 225 सीटों के लक्ष्य के साथ रणनीति बना रहा है, जबकि महागठबंधन जातीय जनगणना और विकास के मुद्दों को भुनाने की कोशिश करेगा.
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बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए ने 125 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था जबकि महागठबंधन को 110 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व एनडीए एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब रही. तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर जरूर उभरी, लेकिन बहुमत से दूर रह गई. बता दें कि यह चुनाव कोरोना महामारी के साये में हुआ थी जिसमें डिजिटल प्रचार-प्रसार और सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हुआ था.