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मंत्रियों को सौंपी 2-2 सीट की जिम्मेदारी, बनाए क्लस्टर... दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी की रणनीति समझिए

दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी का फोकस माइक्रो मैनेजमेंट पर है. पार्टी ने केंद्रीय मंत्रियों को दो-दो सीटों की जिम्मेदारी सौंपी है. पड़ोसी राज्यों के नेताओं को प्रचार में एक्टिव करने के साथ ही पार्टी ने जहां जिस राज्य के वोटर अधिक हैं, वहां संबंधित राज्य के नेताओं को प्रचार के लिए मैदान में उतार दिया है.

दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी का संकल्प पत्र-3 होगा जारी (प्रतीकात्मक तस्वीर) दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी का संकल्प पत्र-3 होगा जारी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली की सत्ता से साल 1998 से ही बाहर चल रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का जोर इस बार माइक्रो मैनेजमेंट पर है. पार्टी ने व्यापक रणनीतिक बनाई है और दिल्ली चुनाव में हर सीट पर पिछली बार के मुकाबले अधिक वोट पाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतारने के साथ ही जिस विधानसभा क्षेत्र में जिस राज्य के लोगों की आबादी अधिक है, उस इलाके में प्रचार के लिए संबंधित राज्य के नेताओं की टोली को जिम्मेदारी बीजेपी ने सौंपी है.

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बीजेपी ने दिल्ली चुनाव के लिए हर बूथ का विश्लेषण कर क्षेत्रवार ब्यौरा तैयार कर ऐसे मतदाताओं को चिह्नित किया जिनकी जड़ें दूसरे राज्यों या शहरों में हैं. बीजेपी की ओर से उन शहरों के पार्टी नेताओं से इन मतदाताओं से संपर्क करने और कमल निशान पर वोट करने की अपील करें. ऐसे मतदाताओं से भी बीजेपी संपर्क कर रही है जिनके नाम दिल्ली की मतदाता सूची में दर्ज हैं और वे कोरोना काल में दिल्ली से अपने गांव चले गए हैं. उनसे भी वोटिंग वाले दिन दिल्ली आकर बीजेपी को वोट करने की अपील की जा रही है. ऐसे मतदाताओं की लिस्ट भी पार्टी ने तैयार की है जो किसी दूसरे कारण से दिल्ली के बाहर चले गए लेकिन उनका वोट अब भी दिल्ली में ही है.

ऐसे मतदाताओं से भी बीजेपी संपर्क कर रही है और पांच फरवरी को वोट डालने के लिए दिल्ली आने के लिए तैयार करने की कोशिश की जा रही है. सरकारी भवनों में रहने वालों की सूची भी तैयार की गई है और इनमें रहने वालों के साथ ही काम करने वाले कर्मचारियों से भी संपर्क साधा जा रहा है. बीजेपी ने अपने बड़े नेताओं को यह टार्गेट दिया है कि हर सीट पर पिछली बार के मुकाबले 20 हजार वोट अधिक लाने हैं. पार्टी ने यह लक्ष्य भी निर्धारित किया है कि हर बूथ पर कम से कम पचास प्रतिशत वोट बीजेपी को मिलें. हर बूथ पर ज्यादा से ज्यादा मतदान का लक्ष्य भी बीजेपी ने रखा है.

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केंद्रीय मंत्रियों, पड़ोसी राज्यों के नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी

बीजेपी ने दिल्ली चुनाव में प्रचार के लिए केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ ही पड़ोसी राज्यों के नेताओं को भी जिम्मेदारी दी गई है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को दिल्ली कैंट और वजीरपुर विधानसभा सीट की जिम्मेदारी दी गई है. धर्मेंद्र प्रधान को मालवीय नगर और ग्रेटर कैलाश, भूपेंद्र यादव को महरौली और बिजवासन, गजेंद्र सिंह शेखावत को नरेला और बवाना, मनसुख मांडविया को शकूरबस्ती और मादीपुर, अनुराग ठाकुर को मुस्तफाबाद और करावल नगर की जिम्मेदारी पार्टी ने सौंपी है. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को आदर्श नगर और बुराड़ी, राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को जनकपुरी और उत्तम नगर, सुनील बंसल को शालीमार बाग और त्रिनगर का प्रभार पार्टी ने दिया है.

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तेलुगु मतदाताओं को साधने के लिए BJP ले रही TDP का सहयोग

दिल्ली में रहने वाले दूसरे राज्यों से जुड़े मतदाताओं को लुभाने के लिए बीजेपी ने संबंधित राज्यों के सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को जिम्मेदारी दी है. इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि दिल्ली में करीब साढ़े तीन लाख तेलुगु वोटर हैं और उनको अपने पाले में करने के लिए पार्टी ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के सांसदों-विधायकों के साथ ही आंध्र सरकार के मंत्रियों, गठबंधन सहयोगी टीडीपी के नेताओं और मंत्रियों को एक्टिव कर दिया है.

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इसी तरह उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात जैसे राज्यों के मूल निवासियों को साधने के लिए संबंधित राज्य से भी नेताओं को दिल्ली बुलाया है. बीजेपी ने दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए क्लस्टर्स भी बनाए हैं और उसके लिए भी नेताओं को जिम्मेदारी दी है जैसे झुग्गी झोपड़ी क्लस्टर, अवैध कॉलोनी क्लस्टर, रेहड़ी-पटरी क्लस्टर. नेताओं से इन क्लस्टरों की मतदाता सूची पर नजर रखने और सबसे संपर्क करने के लिए कहा गया है. बताया जाता है कि इस काम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता भी बीजेपी नेताओं का सहयोग कर रहे हैं.

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