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Delhi Elections: AAP-कांग्रेस से आए नेताओं को टिकट, 2 पूर्व सांसदों पर भरोसा... BJP की लिस्ट की बड़ी बातें

बीजेपी ने कैलाश गहलोत को बिजवासन विधानसभा सीट से टिकट दिया है, वहीं, राजकुमार आनंद को पटेल नगर तो अरविंदर सिंह लवली को गांधीनगर सीट से बीजेपी ने टिकट दिया है. कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद आम आदमी पार्टी से तो अरविंदर सिंह लवली कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए थे.

राजकुमार आनंद, अरविंदर सिंह लवली और कैलाश गहलोत. राजकुमार आनंद, अरविंदर सिंह लवली और कैलाश गहलोत.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी बहुप्रतीक्षित पहली सूची जारी कर दी है. इस लिस्ट में 29 उम्मीदवारों को पार्टी ने टिकट दिया है. साथ ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल होने वालों पर भी पार्टी ने भरोसा जताया है. इसमें कैलाश गहलोत, राजकुमार आनंद और अरविंदर सिंह लवली का नाम शामिल है. बीजेपी ने कैलाश गहलोत को बिजवासन विधानसभा सीट से टिकट दिया है, वहीं, राजकुमार आनंद को पटेल नगर तो अरविंदर सिंह लवली को गांधीनगर सीट से बीजेपी ने टिकट दिया है. 

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इसके अलावा बीजेपी की पहली लिस्ट में दो पूर्व सांसदों- प्रवेश वर्मा और रमेश बिधूड़ी को टिकट मिला है. इसके अलावा 4 पूर्व मंत्री- कैलाश गहलोत, अरविंदर लवली, राजकुमार चौहान, राजकुमार आनंद पर भी पार्टी ने भरोसा जताया है. कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद वर्तमान में विधायक हैं, दोनों ही नेता आम आदमी पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए हैं. इसके अलावा बीजेपी के वर्तमान विधायक- जितेंद्र महाजन, अजय महावर, विजेंद्र गुप्ता और ओपी शर्मा को भी टिकट मिला है.

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AAP सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके हैं कैलाश गहलोत

सबसे पहले बात कैलाश गहलोत की करें तो वह आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता और परिवहन मंत्री रह चुके हैं, उन्होंने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व और पार्टी की नीतियों से असंतोष जताते हुए हाल ही में BJP में शामिल होने का फैसला किया था, उनकी बगावत तब सामने आई, जब AAP सरकार के कुछ नीतिगत फैसलों को लेकर विवाद शुरू हुआ. कैलाश गहलोत ने अपने इस्तीफे में AAP सरकार पर जनता से किए वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया था, उन्होंने अपनी चिट्ठी में केजरीवाल को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि सरकार ने यमुना की सफाई और अन्य मुद्दों पर वादे तो किए, लेकिन उन्हें निभाने में असफल रही. गहलोत ने केजरीवाल के बंगले के निर्माण को लेकर भी आलोचना की थी. उन्होंने इसे "शर्मनाक और अजीबोगरीब विवाद" बताते हुए कहा था कि पार्टी अब आम आदमी के हितों से भटक चुकी है. सरकार का अधिकांश समय केंद्र सरकार से लड़ने में बीतता है, जिससे दिल्ली की वास्तविक प्रगति प्रभावित हो रही है.

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कैलाश को बीजेपी ने सौंपी थी बड़ी जिम्मेदारी

कैलाश गहलोत के बीजेपी में शामिल होने के तुरंत बाद उन्हें बड़ी जिम्मेदारी गई थी, पार्टी ने उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव समन्वय समिति का सदस्य नियुक्त किया था. बीजेपी में शामिल होने के बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी को छोड़ना उनके लिए बहुत कठिन फैसला था, लेकिन ये जरूरी हो गया था.

राजकुमार आनंद ने भी छोड़ा था AAP का दामन

आम आदमी पार्टी को कैलाश गहलोत से पहले एक और झटका राजकुमार आनंद के रूप में लगा था, जब उन्होंने AAP का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था. राजकुमार आनंद ने पिछले साल जुलाई के महीने में बीजेपी में जाने का फैसला लिया था. उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले मंत्री पद से इस्तीफा दिया था और बसपा में शामिल हुए थे. इसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. राजकुमार आनंद ने भ्रष्टाचार पर पार्टी की नीति पर असंतोष जताते हुए मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. उनका इस्तीफा सीधे तौर पर शराब नीति मामले से जुड़ा था, जिसमें केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार किया गया था. 

अरविंदर सिंह लवली कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में आए

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अरविंदर सिंह लवली भी कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए थे. लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे गए अपने इस्तीफे में कहा था वो खुद को अपाहिज महसूस कर रहे थे, क्योंकि दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिए गए सभी सर्वसम्मत निर्णयों को दीपक बाबरिया द्वारा 'एकतरफा वीटो' कर दिया गया था. लवली ने कहा था कि दिल्ली कांग्रेस यूनिट AAP के साथ गठबंधन के खिलाफ थी, लेकिन पार्टी आलाकमान इसके साथ आगे बढ़ गया.

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