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जम्मू-कश्मीर में फिर गठबंधन करेंगे बीजेपी-NC? पार्टी नेता राम माधव ने दिया ये जवाब

2014 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी, एनसी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे थे. हालांकि, 2015 में केवल बीजेपी और पीडीपी ने गठबंधन किया, लेकिन शासन और नीतिगत मुद्दों पर मतभेदों के कारण 2018 में यह गठबंधन टूट गया.

बीजेपी के जम्मू-कश्मीर चुनाव प्रभारी राम माधव (फाइल फोटो) बीजेपी के जम्मू-कश्मीर चुनाव प्रभारी राम माधव (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 10:06 PM IST

जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए बीजेपी के प्रभारी राम माधव ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) या किसी अन्य पार्टी के साथ बीजेपी के गठबंधन की अफवाहों को खारिज कर दिया. इंडिया टुडे टीवी के साथ एक विशेष इंटरव्यू में आगामी चुनावों में बीजेपी के बहुमत के करीब पहुंचने की क्षमता पर विश्वास व्यक्त करते हुए माधव ने कहा, "हम किसी के साथ बातचीत नहीं कर रहे हैं. 

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दरअसल, 2014 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी, एनसी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे थे. हालांकि, 2015 में केवल बीजेपी और पीडीपी ने गठबंधन किया, लेकिन शासन और नीतिगत मुद्दों पर मतभेदों के कारण 2018 में यह गठबंधन टूट गया.

गठबंधन को लेकर अब बीजेपी नेता माधव ने कहा, "2014 में एक अजीबोगरीब स्थिति थी, जब केवल बीजेपी-एनसी या बीजेपी-पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की संभावना थी. उस समय हां एनसी और पीडीपी दोनों के साथ बातचीत हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप अंततः बीजेपी-पीडीपी ने सरकार बनाई. हालांकि, अभी ऐसा कुछ नहीं हो रहा है. हमें पूरा विश्वास है कि हम बहुमत के आंकड़े के करीब पहुंच जाएंगे, चाहे जो भी कमी हो. इसके लिए हम देखेंगे कि किसके पास हमारे साथ आने और सरकार बनाने के लिए सीटें होंगी."

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राम माधव ने क्षेत्र को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता को भी दोहराया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों ने इस प्रतिज्ञा को पूरा करने का दृढ़ वादा किया है. हालांकि, जब एक विशिष्ट समयसीमा के बारे में पूछा गया तो माधव ने संसद को एकमात्र निकाय बताया जो ठोस जवाब देने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि यह प्रतिबद्धता 6 अगस्त, 2019 की शुरुआत में संसद के पटल पर की गई थी.

उन्होंने श्रीनगर में पीएम मोदी के हालिया भाषण का हवाला दिया, जहां उन्होंने फिर से लोगों को आश्वासन दिया कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. माधव ने कहा, "उस वादे के प्रति पूरी प्रतिबद्धता है. प्रधानमंत्री ने कहा है कि हम इसे जल्द से जल्द पूरा करेंगे." 

अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू में संभावित असंतोष, विशेष रूप से भूमि अधिकारों और रोजगार के बारे में पूछे जाने पर माधव ने विपक्ष के दावों को खारिज कर दिया. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा और उसके नेताओं पर मतदाताओं से जुड़ने के बजाय चुनाव को पर्यटन के अवसर के रूप में देखने का आरोप लगाया.

माधव ने चुटकी लेते हुए कहा, "कांग्रेस के नेता अपने मोबाइल फोन से रैलियों को संबोधित कर रहे हैं. वे सड़क मार्ग से आधे घंटे की यात्रा करने के लिए भी तैयार नहीं हैं." 

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उन्होंने इसकी तुलना केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोगों को रैली करने के लिए की जाने वाली लंबी सड़क यात्राओं से की. माधव की टिप्पणी जम्मू में कांग्रेस के अभियानों के संदर्भ में आई, जिसमें उन्होंने उनके प्रयासों को नीरस और असंगत बताया. उन्होंने कहा, "जम्मू के लोगों को यही महसूस हुआ. कांग्रेस आलसी थी."

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