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'राम-कृष्ण के नाम पर हों झारखंड के शहर', बोले सीएम हिमंता, शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंचा INDIA ब्लॉक

असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि झारखंड का हुसैनाबाद से क्या संबंध है? मैंने कहा कि झारखंड के शहरों, जिलों के नाम राम, कृष्ण, नीलांबर-पीतांबर और अन्य के नाम पर होने चाहिए.

हिमंता बिस्वा सरमा (फाइल फोटो- पीटीआई) हिमंता बिस्वा सरमा (फाइल फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • रांची,
  • 02 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:10 PM IST

झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा हाई है. असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि झारखंड का हुसैनाबाद से क्या संबंध है? मैंने कहा कि झारखंड के शहरों, जिलों के नाम राम, कृष्ण, नीलांबर-पीतांबर और अन्य के नाम पर होने चाहिए, लेकिन अगर आप किसी ऐसे शहर का नाम रख रहे हैं, जो उस शहर की संस्कृति से जुड़ा नहीं है, तो उसका (शहर का) नाम बदल दिया जाना चाहिए. कोलकाता का भी नाम बदला गया. यहां का नाम भी बदला जाना चाहिए. मैं मुख्यमंत्री से भी इसकी सिफारिश करूंगा.

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EC पहुंचा इंडिया ब्लॉक

इसके बाद इंडिया ब्लॉक के एक प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रवि कुमार से रांची में मुलाकात की और अपनी शिकायत दर्ज कराई. इसमें हिमंता बिस्वा सरमा के खिलाफ उनके कथित भड़काऊ और विभाजनकारी भाषणों के लिए कार्रवाई की मांग की गई.

शिकायत के बाद क्या बोले हिमंता?

इसके बाद हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि मेरे खिलाफ शिकायत क्यों हुई? मैं क्या कह रहा हूं? जब मैं घुसपैठियों के खिलाफ बोल रहा हूं तो उन्हें तकलीफ क्यों हो रही है? कहां लिखा है, किस कानून में लिखा है कि घुसपैठियों के खिलाफ बोलना गलत है? हिंदुओं के बारे में बात करने का मतलब मुसलमानों को निशाना बनाना नहीं है. मैं मुस्लिम शब्द भी नहीं बोलता. भारत एक हिंदू सभ्यता है और उनकी रक्षा के बारे में बात करना एक सकारात्मक बात है.

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सीएम हेमंत सोरेन ने साधा हिमंता पर निशाना

वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर राज्य असम में झारखंड की जनजातियों को एसटी का दर्जा न देकर उनकी पहचान मिटाई जा रही है. खूंटी जिले के तपकारा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सोरेन ने कहा कि झारखंड के बहुत सारे लोग असम के चाय बागानों में रह रहे हैं, लेकिन उनकी स्थिति अच्छी नहीं है. सोरेन ने आरोप लगाया कि असम के मुख्यमंत्री यहां के आदिवासियों के शुभचिंतक होने का दिखावा करते हैं. लेकिन उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य में झारखंड की जनजातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा न देकर उनकी पहचान मिटा दी है.

CM सोरेन ने बीजेपी पर लगाया समाज को बांटने का आरोप 

सीएम सोरेन ने बीजेपी पर धर्म और पिछड़े-अगले के नाम पर समाज को बांटने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड में चुनाव की घोषणा तय समय से एक महीने पहले की गई, क्योंकि भाजपा ने राज्य सरकार को विकास कार्य करने से रोकने की साजिश रची है. सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने पहले 2 साल में कोविड महामारी से निपटने के लिए संघर्ष किया. जब स्थिति सामान्य होने लगी तो विपक्ष (बीजेपी) ने एक के बाद एक साजिश रची. जब वे असफल हो गए, तो उन्होंने आखिरकार मुझे सलाखों के पीछे डाल दिया. उन्होंने कहा कि एक हेमंत सोरेन को रोकने के लिए कई विपक्षी नेता हेलीकॉप्टर में राज्य भर में घूम रहे हैं.

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