Advertisement

'यमुना पर बयान जनहित के लिए की गई टिप्पणी', चुनाव आयोग के नोटिस पर केजरीवाल का जवाब 

AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि उन्होंने यमुना के पानी की गुणवत्ता पर जो बयान दिया वह जनहित में की गई टिप्पणी है. केजरीवाल ने ये बयान चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब देते हुए दिया है, जिसमें उनके इस दावे का सबूत मांगा गया था कि हरियाणा दिल्ली को पानी की आपूर्ति बाधित करने के लिए यमुना में जहर मिला रहा है.

अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो) अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:28 PM IST

यमुना को जहरीली वाले बयान को केजरीवाल ने जनहित में की गई टिप्पणी बताई है. उन्होंने ये बाते चुनाव आयोग के द्वारा जारी किए गए नोटिस के जवाब में कहीं हैं. केजरीवाल ने ECI के नोटिस पर 14 पेजों का जवाब दिया है.

AAP राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि ये टिप्पणी दिल्ली में पीने के पानी की बिगड़ती गुणवत्ता से संबंधित तत्काल और चिंताजनक पब्लिक हेल्थ क्राइसिस के संबंध में की गई थी.

Advertisement

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली हरियाणा से रॉ पानी की आपूर्ति पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि खराब पानी की गुणवत्ता के बारे में दिए गए बयान हरियाणा से प्राप्त रॉ वाटर में गंदगी और गंभीर जहरीला को उजागर करने के लिए किए गए थे.

'हेल्थ के लिए गंभीर खतरा है दूषित पानी'

उन्होंने कहा कि हरियाणा से प्राप्त रॉ वाटर अत्यधिक दूषित और जहरीला है और इस पानी में इतनी गंदगी होती है कि दिल्ली में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) इसे सुरक्षित सीमा के अंदर लाने के लिए संसाधित करने में असमर्थ हैं. अगर इस तरह के जहरीले पानी को लोगों पीने की मंजूरी दे दी जाए तो इससे स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा और मौत भी हो सकती है.

अरविंद केजरीवाल ने दलील दी कि उनकी टिप्पणियों को विभिन्न ग्रुपों के बीच दुश्मनी भड़काने या राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक" नहीं कहा जा सकता. उन्होंने आगे बताया कि यमुना जल पर उनका बयान 27 जनवरी को दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ द्वारा जारी पत्र पर आधारित था.

Advertisement

कई गुना बढ़ा अमोनिया का स्तर

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''पत्र खुद स्वीकार करता है कि हरियाणा से दिल्ली आने वाले पानी में अमोनिया का स्तर कई गुना बढ़ गया है और ये 6.5-7 पीपीएम के स्तर तक पहुंच गया है.''

उन्होंने आगे दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ के पत्र के उस हिस्से की ओर इशारा किया जिसमें कहा गया था कि "वजीराबाद बैराज के अपस्ट्रीम में कुछ अनुपचारित सीवेज या औद्योगिक कचरे के मिश्रण के कारण यमुना नदी में अमोनिया बढ़ जाता है."

चुनाव आयोग को दिए अपने जवाब में अरविंद केजरीवाल ने पीने के पानी में अमोनिया के अत्यधिक स्तर के कारण स्वास्थ्य जोखिमों की ओर इशारा किया. उनकी टिप्पणी से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है. अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग को बताया, "दिए गए बयान भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की संवैधानिक गारंटी के तहत पूरी तरह से संरक्षित हैं."

उन्होंने कहा, "दिल्ली के निवासियों के लिए सुरक्षित पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में सरकारी खामियों को उजागर करने के कृत्य को अपराध घोषित करना कानूनी और संवैधानिक रूप से अस्वीकार्य है."

क्या है विवाद

बता दें कि 27 जनवरी को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा द्वारा दिल्ली को उपलब्ध कराए जा रहे पानी की खराब गुणवत्ता का मुद्दा उठाया. 

Advertisement

केजरीवाल ने कहा, “लोगों को पानी से वंचित करना इससे बड़ा पाप कुछ भी नहीं है. भाजपा अपनी गंदी राजनीति से दिल्ली की जनता को प्यासा छोड़ना चाह रही है. वे हरियाणा से भेजे जा रहे पानी में जहर मिला रहे हैं.”

उन्होंने कहा, "यह प्रदूषित पानी इतना जहरीला है कि इसे दिल्ली में मौजूद वाटर ट्रीटमेंट प्लां  द्वारा उपचारित नहीं किया जा सकता है. भाजपा दिल्लीवासियों की सामूहिक हत्या करना चाहती है. पर  हम ऐसा नहीं होने देंगे."

इस टिप्पणी पर भाजपा और कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी, जिन्होंने उनके दावों की सत्यता पर सवाल उठाया. 
इसके बाद चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी किया और उनसे अपने बयानों के समर्थन में तथ्यात्मक सबूत उपलब्ध कराने को कहा. उन्हें बुधवार रात 8 बजे तक की डेडलाइन दी गई थी.

अरविंद केजरीवाल ने जवाब दाखिल किया और अपने दावों के समर्थन में दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ के पत्र का हवाला दिया और कहा कि ये टिप्पणियां एक नागरिक मुद्दे को उजागर करने के लिए की गई थीं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement