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युवा भी और अधिक पढ़ी-लिखी भी, लेकिन दौलत के मामले में पीछे... जानें दिल्ली चुनाव में महिला उम्मीदवारों की स्थिति

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार 1972 के बाद सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवार मैदान में हैं. महिलाएं पुरुषों के मुकाबले कम उम्र में राजनीति में आ रही हैं और ज्यादा पढ़ी-लिखी भी हैं, लेकिन आर्थिक रूप से उतनी मजबूत नहीं हैं.

ADR के डेटा के मुताबिक महिलाएं पुरुषों से कम उम्र में राजनीति में आ रही हैं. ADR के डेटा के मुताबिक महिलाएं पुरुषों से कम उम्र में राजनीति में आ रही हैं.
अंकिता तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:25 PM IST

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार रिकॉर्ड संख्या में महिलाएं मैदान में उतरी हैं. 1972 के बाद यह पहली बार है जब राष्ट्रीय राजधानी में इतनी ज्यादा महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं. दिलचस्प बात यह है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम उम्र में राजनीति में कदम रख रही हैं.

महिलाओं की भागीदारी बढ़ी, लेकिन अब भी कम

दिल्ली चुनावों में महिलाओं की भागीदारी और जीत का प्रतिशत हमेशा कम रहा है. लेकिन इस बार तस्वीर थोड़ी बदली है. इस चुनाव में कुल 699 उम्मीदवारों में से 96 महिलाएं हैं. यानी कुल उम्मीदवारों का सिर्फ 14%. ये संख्या कम भले हो, लेकिन इसमें एक पॉजिटिव बात छुपी है.

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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के डेटा के मुताबिक महिलाएं पुरुषों से कम उम्र में राजनीति में आ रही हैं. 20-30 साल की उम्र के ग्रुप में कुल उम्मीदवारों में से 9% महिलाएं हैं, जबकि इस उम्र के पुरुष उम्मीदवार सिर्फ 6% हैं. इसी तरह 31-40 साल के ग्रुप में 26% महिला उम्मीदवार हैं, जबकि पुरुषों का प्रतिशत सिर्फ 21% है. 20-45 साल की उम्र के बीच 56% महिला उम्मीदवार हैं.

पुरुषों का ट्रेंड उल्टा

वहीं पुरुषों के लिए तस्वीर अलग है. 602 पुरुष उम्मीदवारों में से 59% की उम्र 45 साल से ज्यादा है. खासकर 70 साल और उससे ज्यादा की उम्र के कैटेगरी में, जहां 22 पुरुष उम्मीदवार हैं, लेकिन एक भी महिला नहीं है. 

महिला उम्मीदवार ज़्यादा पढ़ी-लिखी

महिला उम्मीदवारों की पढ़ाई का स्तर भी पुरुषों से बेहतर है. 53% पुरुष उम्मीदवार ग्रेजुएट नहीं हैं, जबकि महिला उम्मीदवारों में यह आंकड़ा 43% का ही है. वहीं, 52% महिला उम्मीदवार ग्रेजुएशन या पोस्ट-ग्रेजुएशन पूरा कर चुकी हैं, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा सिर्फ 44% है.

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चार प्रतिशत महिला उम्मीदवारों के पास डॉक्टरेट (PhD) की डिग्री है, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा सिर्फ 1% है. यह साफ दिखाता है कि महिला उम्मीदवार युवा होने के साथ-साथ ज्यादा पढ़ी-लिखी भी हैं.

अमीर पुरुषों की राजनीति में धाक

चुनाव की इस रेस में पुरुष उम्मीदवारों की आर्थिक स्थिति महिलाओं से मजबूत दिखती है. 19% पुरुष उम्मीदवारों के पास 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है, जबकि महिलाओं में यह आंकड़ा सिर्फ 9% है. इसी तरह 11% पुरुष उम्मीदवारों के पास 2 से 5 करोड़ रुपये के बीच की संपत्ति है, जबकि महिलाओं में यह संख्या सिर्फ 3% का है. कुल मिलाकर 51% पुरुष उम्मीदवारों के पास 50 लाख से ज्यादा की संपत्ति है.

महिलाएं छोटे बजट में चुनाव लड़ रहीं

महिला उम्मीदवारों की आर्थिक स्थिति ज्यादातर लोअर कैटेगरी में है. 29% महिलाओं के पास 10 से 50 लाख रुपये की संपत्ति है, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा सिर्फ 17% है. वहीं 22% महिलाओं के पास 2 लाख रुपये से भी कम की संपत्ति है, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 17% है.

हालांकि, इस चुनाव में महिलाओं की संख्या बढ़ी है, लेकिन वे अब भी बड़ी संख्या में नहीं हैं. वे पढ़ी-लिखी और युवा तो हैं, लेकिन पुरुषों की तुलना में आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं.

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