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महिलाओं के खाते में पैसा मतलब जीत की गारंटी... दिल्ली में चलेगा एमपी, झारखंड और महाराष्ट्र वाला जादू?

पहले शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार लाडली बहना योजना से फिर बनवा दी. इसके बाद लाडकी बहिण योजना से महाराष्ट्र में महायुति की वापसी हो गई. और झारखंड में मइयां योजना के नाम से महिलाओं के खाते में पैसा डालकर हेमंत सोरेन ने लगातार दो बार सरकार बनाने वाल इतिहास रच दिया. अब उसी जादू का चौथा शो दिल्ली में केजरीवाल दिखाना चाहते हैं.

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में महिला सम्मान योजना का ऐलान किया अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में महिला सम्मान योजना का ऐलान किया
आजतक ब्यूरो
  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:45 AM IST

जैसे जादूगर एक तरफ से रुमाल डालकर फिर कबूतर निकाल देता है. उसी तरह क्या देश में अब महिलाओं के खाते में पैसा डालने से चुनावी जीत का उड़ान हासिल होती है? क्योंकि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड में अपार सफलता के बाद अब आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में महिलाओं को पैसा देने वाली 'महिला सम्मान योजना' शुरू कर दी है. अब केजरीवाल भी इस जादू को देखना चाहते हैं, जिसमें महिलाओं के खाते में पैसा डालने से सत्ता पाने की गारंटी मिलती आ रही है.

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पहले शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार लाडली बहना योजना से फिर बनवा दी. इसके बाद लाडकी बहिण योजना से महाराष्ट्र में महायुति की वापसी हो गई. और झारखंड में मइयां योजना के नाम से महिलाओं के खाते में पैसा डालकर हेमंत सोरेन ने लगातार दो बार सरकार बनाने वाल इतिहास रच दिया. अब उसी जादू का चौथा शो दिल्ली में केजरीवाल दिखाना चाहते हैं. इस जादू का नाम केजरीवाल ने 'मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना' दिया है. इसके तहत अब दिल्ली में 18 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने का वादा किया गया था. साथ ही चुनाव बाद इसे 2100 रुपये कर देने का ऐलान केजरीवाल ने किया है. 

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38 लाख महिलाओं को मिल सकेगा लाभ

दरअसल, दिल्ली में 18 साल से ज्यादा की उम्र की 70.77 लाख (70,77,526) महिलाएं हैं. इनमें 38 लाख महिलाओं को केजरीवाल की महिला सम्मान योजना का लाभ मिल सकता है. क्योंकि शर्त है कि लाभार्थी की पारिवारिक आय 3 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम होनी चाहिए. साथ ही परिवार का कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए और घर का कोई सदस्य आयकर या जीएसटी का भुगतान नहीं करने वाला होना चाहिए.

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चुनाव दर चुनाव इस वक्त महिलाओं के बैंक अकाउंट में सीधे कैश डालने वाली स्कीम का स्ट्राइक रेट काफी अच्छा चल रहा है. बताया जाता है कि मध्य प्रदेश लाडली बहना योजना की वजह से हर दस में से पांच महिला ने सीधे जाकर बीजेपी को वोट दिया है. महाराष्ट्र में भी हर 10 में से पांच वोट अकेले महायुति को मिला. जबकि इंडिया गठबंधन को तीन वोट ही मिल पाया. इसकी वजह लाडकी बहिण योजना को माना गया. झारखंड में NDA को 38 प्रतिशत महिला ने वोट दिया लेकिन इंडिया गठबंधन को 45 प्रतिशत महिला का वोट मिला. 

झारखंड में भी योजना का दिखा जादू

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इसी तरह झारखंड में आदिवासी-ग्रामीण इलाके में हर दस में 5 से 6 वोट तक इंडिया गठबंधन को मिला. इसके पीछे हेमंत सोरेन सरकार की तरफ से मंइया योजना में दिया जाने वाला पैसा वजह बना.  अब दिल्ली में कितना वोट इस योजना से मिल पाएगा, ये अभी सवाल है. सवाल इसलिए क्योंकि अभी दिल्ली सरकार ने मंजूरी ही एक हजार रुपये देने के लिए दी है. अभी महिलाओं के खाते में पैसा पहुंचना शुरू नहीं हुआ है. पैसा चुनाव बाद खाते में जाएगा.

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केजरीवाल की बात पर भरोसा करेंगी महिला वोटर्स?

अरविंद केजरीवाल ने ऐलान तो कर दिया है लेकिन उन्हें एक बात पर गौर करना होगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि महिलाएं चुनावी राज्यों में वादे से ज्यादा कमिटमेंट पर भरोसा कर रही हैं. कमिटमेंट वादा करने का नहीं बल्कि कमिटमेंट पहले से ही खाते में पैसे डालने का. जैसे महाराष्ट्र में हर महीने 1500 रुपये दिए जा रहे हैं. फिर जीतने पर महिलाओं को हर माह 2,100 रुपये देने का वादा किया गया. जबकि चुनाव के दौरान INDIA गठबंधन ने 3000 रुपये देने का वादा किया. लेकिन महिलाओं का भरोसा एनडीए पर रहा क्योंकि 80 लाख महिलाओं को पांच किश्त में 7 हजार 500 रुपये दिए जा चुके थे. यानी वादे से ज्यादा लागू योजना में खाते में पैसा आने पर महिलओं ने भरोसा जताया. 

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इसी तरह झारखंड में हेमंत सरकार 1000 रुपये महीने दे रही है. बीजेपी ने चुनाव में 2100 रुपये देने का वादा किया. हेमंत सरकार ने तब 2500 का वादा कर दिया. जनता ने हेमंत सरकार पर भी भरोसा जताया क्योंकि मंइयां योजना में 3 किश्त महिलाओं के खाते में पहुंच गई थी. इसी आधार पर अब दिल्ली की महिलाओं के सामने अभी से केजरीवाल ने 2100 रुपये चुनाव बाद देने का ऐलान कर दिया है. एक हजाार रुपये की मंजूरी अभी हुई है. बीजेपी और कांग्रेस का वादा अभी होना बाकी है. तब महिलाएं किसके वादे पर दिल्ली में भरोसा ज्यादा दिखाएंगी? 

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