
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले यहां आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति बड़ी ही दिलचस्प हो गई है. कुछ दिनों पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी पर वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम हटाने के लिए अर्जियां दाखिल करने के आरोप लगाए थे. अब उल्टा बीजेपी ने ही दावा किया है कि ये अर्जियां असल में आम आदमी पार्टी ने ही फाइल की थी, ताकि इसके आरोप बीजेपी पर मढ़े जा सकें.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी के दावों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने के पीछे आम आदमी पार्टी की साजिश है. उन्होंने कहा कि अब लोकसभा सेक्रेटरी उत्पल कुमार का नाम हटाने के लिए अर्जी दी गई है. इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया कि हामिद अंसारी के बेटे, सुलेमान अंसारी और नेवी वाइस एडमिरल संजय भल्ला का नाम भी वोटर लिस्ट से हटाने की AAP ने साजिश की.
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आम आदमी पार्टी पर साजिश के आरोप!
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने ऐसी साजिश इसलिए की, ताकि इसके आरोप वे बीजेपी पर लगा सकें. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वे जानना चाहते हैं कि इसके पीछे किसका हाथ है? हम इस मामले में गहरनता से जांच चाहते हैं.
अरविंद केजरीवाल के दावे
अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि उनके निर्वाचन क्षेत्र नई दिल्ली में भी वोटर लिस्ट से पांच हजार से ज्यादा नाम हटाने और कमोबेश 7500 नाम जोड़ने के लिए एप्लिकेशन दिए गए थे.
अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 106,873 है. उन्होंने दावा किया कि मतदाताओं की यह संख्या 20 अगस्त से 20 अक्टूबर के बीच किए गए संशोधन के बाद 29 अक्टूबर को जारी की गई लिस्ट के मुताबिक है. उन्होंने दावा किया कि इससे उनके निर्वाचन क्षेत्र के 12 फीसदी वोट बदल सकते हैं.
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वोटर लिस्ट पर चुनाव आयोग की सफाई
चुनाव आयोग के दिल्ली विभाग ने अरविंद केजरीवाल के दावों पर सफाई भी दी थी और कहा था कि उनके दावे पुराने ड्राफ्ट के आधार पर हैं. आयोग ने यह भी कहा था कि 1 जनवरी तक जो भी एप्लिकेशन आने थे उसका निपटारा किया जाएगा और एक फाइनल वोटर लिस्ट 6 जनवरी तक जारी की जाएगी. आयोग ने स्पष्ट किया था कि लिस्ट में बदलाव होते रहते हैं.