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दिल्ली चुनाव: कालकाजी विधानसभा सीट से CM आतिशी और कांग्रेस लीडर अलका लांबा ने भरा नामांकन

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री आतिशी ने कालकाजी सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. इससे पहले सोमवार, 13 जनवरी को उनके नामांकन भरने की तैयारी की खबरें आई थीं लेकिन ऐसा नहीं हो सका था

दिल्ली की CM आतिशी दिल्ली की CM आतिशी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री आतिशी ने कालकाजी विधानसभा सीट अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. इससे पहले 13 जनवरी यानी कल उनके नामांकन की खबर थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका था. आतिशी, सोमवार को पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल सहित AAP नेताओं के साथ नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए निकली थीं. लेकिन इस बीच पता चला कि सभी नेता शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंच गए हैं.

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पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सीएम आतिशी और पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ आप के अन्य नेता चुनाव आयोग गए और उन्होंने पार्टी नेता अवध ओझा के वोटर आईडी के ट्रांसफर को लेकर बात की. अरविंद केजरीवाल ने बताया कि चुनाव आयोग अवध ओझा की वोटर आईडी बदलने की बात मान गया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने चुनाव आयोग को बताया की बीजेपी के नेताओं के घर में 40-50 वोट बन रहे हैं. साथ ही उन्होंने नई दिल्ली के डीएम को सस्पेंड करने की मांग भी की है.

इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी की तरफ से कालकाजी विधानसभा सीट से अलका लांबा ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है.

5 फरवरी को वोटिंग

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा, जबकि 8 फरवरी को नतीजे आएंगे. सत्तारूढ़ AAP ने 2015 और 2020 के चुनावों में 67 और 62 सीटों के साथ जीत हासिल की और राजधानी में हैट्रिक बनाने का लक्ष्य रखा है. चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली के चुनाव में इस बार कुल 1.55 करोड़ से ज्यादा वोटर्स हैं. जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 83,49,645  महिला वोटर्स की संख्या 71,73,952 है. वहीं, थर्ड जेंडर की संख्या 1,261 है.

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यह भी पढ़ें: सीएम आतिशी ने नामांकन से पहले किया रोडशो और दर्शन-पूजन, देखें 'ब्रेकिंग न्यूज'

केजरीवाल सरकार ने किया लोगों के लिए काम: सीएम

पिछले दिनों मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि AAP की ईमानदार राजनीति सकारात्मक थी कि हमने कॉरपोरेट्स या पूंजीपतियों से पैसा नहीं मांगा. सबसे बड़ी समस्या यह है कि उम्मीदवार और पार्टियां बड़े दिग्गजों से फंड लेती हैं और फिर उनके लिए काम करती हैं और कॉन्ट्रैक्ट के रूप में भुगतान करती हैं. लेकिन केजरीवाल सरकार ने आम लोगों के लिए काम किया, क्योंकि वे हमें लड़ने में मदद करते हैं.  अगर हमने दिग्गजों से पैसा लिया होता तो हम मुफ्त पानी, बिजली, मोहल्ला क्लीनिक और शिक्षा नहीं दे पाते. 

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