
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट आने के बाद महायुति गठबंधन में दरार दिखने लगी है. बीजेपी ने हाल ही में 99 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में चार सीटों पर बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार उतारे जाने पर शिंदे गुट की शिवसेना ने आपत्ति जताई है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना ने जिन चार सीटों पर आपत्ति जताई है, उनमें कल्याण पूर्व, ठाणे, ऐरोली और मुरबाड सीट शामिल है.
बीजेपी ने कल्याण पूर्व से गणपत गायकवाड़ की पत्नी सुलभा गायकवाड़ को उतारा है. शिवसेना ने इस आपत्ति जताई है, क्योंकि गणपत गायकवाड़ कथित रूप से शिवसेना नेता महेश गायकवाड़ पर गोली चलाने के आरोप में जेल में बंद है.
शिवसेना कार्यकर्ता सुलभा गायकवाड़ का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि कल्याण पूर्व शिवसेना का गढ़ है और यहां से शिवसेना के ही किसी नेता को उतारा जाना चाहिए था. उनका कहना है कि वो बीजेपी उम्मीदवार के लिए प्रचार भी नहीं करेंगे.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माने जाने वाले ठाणे से बीजेपी ने संजय केलकर को टिकट दिया है. संजय केलकर की उम्मीदवारी से भी शिवसेना कार्यकर्ता खुश नहीं हैं.
इसी तरह, बीजेपी ने मुरबाड से मौजूदा विधायक शंकर केथोरे और ऐरोली से गणेश नाइक को मैदान में उतारा है. इससे भी शिवसेना कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. गणेश नाइक के बेटे संदीप नाइक ने टिकट न मिलने से नाराज होकर बीजेपी छोड़ दी और शरद पवार की एनसीपी में शामिल हो गए.
महाराष्ट्र चुनाव के लिए बीजेपी ने हाल ही में 99 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी. पहली लिस्ट में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर, राम कदम और नितेश राणे का नाम भी है. पहली लिस्ट में बीजेपी ने 80 से ज्यादा मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है. 2019 का चुनाव हारने वाले पांच उम्मीदवारों को भी टिकट मिला है.
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को हैं चुनाव
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. पिछले चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. हालांकि, चुनाव के बाद शिवसेना एनडीए से अलग हो गई और उसने एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली. शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने.
जून 2022 में शिवसेना में आंतरिक कलह हो गई. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 40 विधायकों को तोड़ दिया. एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए. अब शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है. शरद पवार की एनसीपी भी दो गुट- शरद पवार और अजित पवार में बंट गई है.