
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे. इससे पहले शनिवार को सी वोटर के एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ गए हैं. एग्जिट पोल के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनने का अनुमान है. इस गठबंधन को 90 में से 40 से 48 सीटों पर जीत मिल सकती है.
एग्जिट पोल के नतीजों से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर की जनता उमर अब्दुल्ला को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है. सर्वे में शामिल 39% ने उमर अब्दुल्ला को बेहतर मुख्यमंत्री माना है. जबकि, बीजेपी के रविंदर रैना को 12% ने ही अपनी पहली पसंद बताया है. वहीं, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती को 9% लोगों ने बेहतर सीएम बताया है.
इन तीन के अलावा सर्वे में शामिल 5% लोगों ने गुलाम नबी आजाद को भी बेहतर मुख्यमंत्री बताया है. गुलाम नबी आजाद कभी कांग्रेस नेता थे. लेकिन अब डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख हैं.
गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे हुआ करते थे. 2022 में उन्होंने अलग पार्टी बना ली. शुरू में उनकी पार्टी की तरफ कांग्रेस के कई नेता आकर्षित हो रहे थे. इनमें से ज्यादातर नेता अब निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. लोकसभा चुनाव में डीपीएपी फेल हो गई. उसने अनंतनाग-राजौरी और ऊधमपुर-डोडा में अपने प्रत्याशी उतारे थे. लोकसभा चुनाव में गुलाम नबी आजाद के दोनों उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. पहले उन्होंने अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का मन बनाया था.
तीन चरणों में हुए हैं चुनाव
जम्मू-कश्मीर की 90 सीटों पर तीन चरणों में चुनाव हुए थे. पहले चरण में 24 सीटों पर 18 सितंबर, दूसरे चरण में 26 सीटों पर 25 सितंबर और तीसरे चरण में 40 सीटों पर 1 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी. चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को सामने आएंगे. पहले चरण में 61.38%, दूसरे चरण में 57.13% और तीसरे चरण में 69.69% वोट पड़े थे. कुल मिलाकर जम्मू-कश्मीर में 63.88% वोटिंग हुई है.