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जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला ने पंचायत आजतक जम्मू कश्मीर के 'कैसे बनेगी सरकार?' सेशन में शिरकत की. डॉक्टर अब्दुल्ला ने इंजीनियर राशिद की जमानत से लेकर कंधार विमान अपहरण कांड और राहुल गांधी की अनुच्छेद 370 से परहेज तक, खुलकर अपनी बात रखी. डॉक्टर अब्दुल्ला ने नया कश्मीर के सवाल पर कहा कि यहां ये कहना कि सब सुरक्षित है, डाउनटाउन में जाना चाहिए और उनसे पूछना चाहिए कि क्या हाल हैं.
पत्थरबाजी और हड़ताल बंद होने, परिस्थितियों में बदलाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि हर कोने में फौजी हैं. इतने कभी नहीं होते थे. मैं भी मुख्यमंत्री रहा हूं. 370 बहाल कराने और 35 ए को वापस लाने के वादे को लेकर सवाल पर डॉक्टर अब्दुल्ला ने कहा कि जब से हिंदुस्तान आजाद हुआ और ये अनुच्छेद हम लोगों को मिला, तब से इनका मन इसे हटाने का था. उन्होंने कहा कि कितने साल लग गए इनको इसे हटाने में. देश को आजादी लेने में भी दो सौ साल लग गए. हम लोग भी इसे वापस ले लेंगे..
डॉक्टर अब्दुल्ला ने कहा कि कभी ये नहीं कहा कि हम पाकिस्तान से बातचीत करेंगे. वाजपेयीजी ने बातचीत की, मनमोहन सिंहजी ने की, बातचीत तो चलती रहती है. उन्होंने कहा कि जब अमरनाथ की यात्रा होती थी, हमारे समय भी होती थी. लोग आते थे, आराम से घूमते थे और जाते थे. इतनी फौज कभी नहीं होती थी. डॉक्टर अब्दुल्ला ने कहा कि आज भी यात्रा होती है, कैदियों की तरह लोग आते हैं और कैदियों की तरह ले जाए जाते हैं. वे बाहर नहीं घूम सकते.
उन्होंने कहा कि हमारे कितने बेकसूर बच्चों को जेलों में हैंं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कमेटी बनाने का वादा किया था, आजतक कुछ नहीं हुआ. कहने की तो बातें बहुत हैं, एक पिक्चर दिखाना तो बहुत अच्छा है. अब्दुल्ला ने कहा कि जी-20 की मीटिंग की, कहां रखा- होटल में. उनसे कोई मिल नहीं सकता था. कहीं ले नहीं गए. उन्होंने कहा कि इसका जवाब कौन देगा. एंबेस्डर आए थे, डल में घुमाया लेकिन क्या उनको बाहर कहीं भेजा.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने आतंकवाद को लेकर कहा कि उमर के वक्त में ये सब खत्म हो गया था, आज फिर से शुरू हो गया है न. उन्होंने कहा कि आज 370 नहीं है, आज कहां से आतंकवाद है. शिवखेड़ी में जो यात्रियों पर हमला हुआ, कहां से टपके थे वे. 1953 से पहले की स्वायत्ता बहाल करने के वादे पर पूर्व सीएम ने कहा कि गांवों में जाइए, लोगों से पूछिए. उन्होंने 1998 के रिजॉल्यूशन का जिक्र किया और कहा कि 1996 में नरसिम्हाराव ने कहा था कि हम आसमान तक आपको देंगे, आजादी की बात नहीं है. उनसे कहा था कि आजादी की बात तो हमने कभी की ही नहीं.
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इंजीनियर राशिद पर क्या बोले
इंजीनियर राशिद की रिहाई पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि दिल्ली को मुबारकबाद देता हूं कि पहले उन्होंने उसे रिहा किया और फिर इनके प्रदेश अध्यक्ष रैना खत लिखते हैं कि इनको सपोर्ट करना है. उन्होंने कहा कि निर्दलीयों को बीजेपी का प्रॉक्सी बताने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सेंटिमेंट है आजादी, हिंदुस्तान से आजादी. कबूल कर लीजिए ये भी तब. फारूक ने कहा कि उनके बच्चे निकले थे और कह रहे थे कि हमको चाहिए आजादी, उस वक्त नहीं दिखा.
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कंधार विमान अपहरण पर क्या बोले
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने आईसी 814 विमान अपहरण का जिक्र करते हुए कहा कि इन्होंने यही तो किया था. क्या किया इन्होंने, तीन आतंकियों को छोड़ दिया और उसका नतीजा आप देख रहे हैं जो आतंकवाद हो रहा है. तब मुख्यमंत्री था. उन्होंने कहा कि उस वक्त भी इनसे कहा था कि मत कीजिए. लेकिन ये नहीं माने. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि गलतियों पर गलतियां करते जाएंगे और समझते हैं कि भारत को मजबूत करेंगे.
वही आतंकी पाकिस्तान में बैठे हुए हैं और आप कहते हैं कि उससे बात होनी चाहिए. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि फिर चीन से क्यों बात कर रहे हैं. उनके पास हमारी जमीन है, उनसे बात क्यों कर रहे हैं. वो तो हमारी जमीन पर बैठे हुए हैं. वाजपेयी साहब ने कहा था कि दोस्त बदले जा सकते हैं, पड़ोसी नहीं. दोस्ती से रहेंगे तो दोनों तरक्की करेंगे, दुश्मनी से रहेंगे तो तरक्की कमजोर हो जाएगी. ये इनके लीडर की बात थी. आप दुश्मनी कर लीजिए, मुझे क्या है.