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हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिये मतदान हो चुका है. अब 8 अक्टूबर इस चुनाव के नतीजे आएंगे. हालांकि, इससे पहले एग्जिट पोल के रिजल्ट आ चुके हैं. सी-वोटर के Exit Poll में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को भारी नुकसान होता दिखाई दे रहा है. एग्जिट पोल में कांग्रेस बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए 50 से 58 सीटों पर जीत हासिल करती नजर आ रही है. वहीं, बीजेपी को तगड़ा झटका लगता दिख रहा है. पार्टी यहां 20 से 28 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है. एग्जिट पोल में जेजेपी को भी नुकसान पहुंचता दिख रहा है. उसे महज 2 सीटें मिलती नजर आ रही है.
एग्जिट पोल के नतीजों में बीजेपी को जो झटका लग रहा है, उसके पीछे का कारण टिकट बंटवारे के चलते बढ़ी अंदरूनी कलह के साथ-साथ दलबदलुओं को भी माना जा रहा है. दरअसल, बीजेपी ने जैसे-जैसे उम्मीदवारों का ऐलान किया, पार्टी में कलह बढ़ती चली गई और कई दिग्गज नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया. कई बीजेपी नेताओं ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी फैसला किया.
इन उदाहरणों से समझें BJP में बगावत का आलम
> चुनाव से ठीक दो दिन पहले यानी 3 अक्टूबर को हरियाणा के वरिष्ठ नेता अशोक तंवर BJP छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गये थे. उन्होंने जींद में राहुल गांधी की रैली में कांग्रेस का हाथ थामा था. कांग्रेस जॉइन करने से करीब एक घंटे पहले तक तंवर लोगों से BJP के उम्मीदवारों को वोट देने की अपील कर रहे थे. तंवर बीजेपी की स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी शामिल थे.
> भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष सुखविंदर मांडी 14 सितंबर को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे. वे बड़हरा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक रह चुके हैं. मांडी को बाढड़ा से टिकट मिलने की उम्मीद थी लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया.
> ठीक इसी दिन यानी 14 सितंबर को करनाल के पूर्व विधायक जयप्रकाश गुप्ता भी बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. दोनों भाजपा नेताओं ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस जॉइन की थी.
> ठीक एक दिन पहले यानी 13 सितंबर को बीजेपी ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री कर्ण देव कंबोज ने कांग्रेस का 'हाथ' थाम लिया था. इस दौरान बीजेपी के करीब 200 पदाधिकारियों, सरपंचों, पूर्व सरपचों और ब्लॉक समिति सदस्यों ने भी कांग्रेस का दामन थामा था. आम आदमी पार्टी के दर्जनभर पदाधिकारियों ने भी कांग्रेस जॉइन की थी.
> इससे पहले 29 सितंबर को बीजेपी ने अपने 8 बागी नेताओं को पार्टी से निकाल दिया था. इसमें पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला और पूर्व विधायक देवेंद्र कादयान का नाम भी शामिल था. इन सभी नेताओं पर पार्टी से बगावत कर पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने की अनुशासनहीनता के बाद कार्रवाई की गई थी.
CM पद को लेकर क्या बोले हुड्डा?
एग्जिट पोल के नतीजों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने सीएम पद को लेकर कहा,'यह (सीएम पद) हर किसी का अधिकार है. यह लोकतंत्र है. हाईकमान जो भी फैसला लेगा, हम उसे स्वीकार करेंगे.' वहीं, कुमारी शैलजा को लेकर उन्होंने कहा कि वह हमारी वरिष्ठ नेता हैं. हुड्डा ने आगे कहा,'जब से हमने चुनाव प्रचार शुरू किया है, तब से मैं कह रहा हूं कि कांग्रेस के पक्ष में लहर है. कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी. मुख्य कारक 2005-2014 की हमारी उपलब्धियां और 2014-2024 तक भाजपा सरकार की विफलताएं हैं. हम बेरोजगारी, शिक्षा और सुरक्षा पर काम करेंगे.'
हरियाणा में एक चरण में हुए चुनाव
हरियाणा में विधानसभा की 90 सीट हैं, जिनपर एक ही दिन (5 अक्टूबर) को मतदान हुआ है. शाम 5 बजे तक सूबे में 61 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है. इस चुनाव में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, भूतपूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस की विनेश फोगट के अलावा जेजेपी के दुष्यंत चौटाला समेत कुल 1031 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है. इनमें 464 निर्दलीय उम्मीदवार हैं. सत्तारूढ़ बीजेपी राज्य में जीत की हैट्रिक लगाने की उम्मीद कर रही है, जबकि कांग्रेस को एक दशक बाद वापसी की उम्मीद है. चुनाव में मुख्य रूप से बीजेपी, कांग्रेस, AAP, इनेलो-बसपा और जेजेपी-आजाद समाज पार्टी शामिल हैं. चुनाव की मतगणना 8 अक्टूबर को होगी.