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जम्मू में BJP इन वजहों से फिर बनी पार्टी नंबर-1, जानें- अब NC-कांग्रेस के लिए क्या है आगे की राह?

हाल ही में घोषित चुनावों में बीजेपी ने जम्मू डिवीजन में अपनी जबरदस्त जीत दर्ज की है. मोदी मैजिक और विपक्षी दलों की कमजोरियों का फायदा उठाते हुए बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत की है. हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन कश्मीर में प्रभावी रहा और सरकार बनाने की स्थिति में है.

फारूक अब्दुल्लाह, अमित शाह फारूक अब्दुल्लाह, अमित शाह
सुनील जी भट्ट
  • जम्मू कश्मीर,
  • 08 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 8:39 PM IST

जम्मू डिवीजन में बीजेपी ने एक बार फिर अपना दबदबा साबित किया है. हाल ही में घोषित चुनावी नतीजों में बीजेपी ने जम्मू, सांबा, कठुआ और उदयपुर जिलों में बड़ी जीत हासिल की है. जम्मू जिले में सभी 11 सीटें, सांबा जिले की सभी 3 सीटें और उदयपुर जिले की सभी 4 सीटों पर पार्टी ने जीत दर्ज की. कठुआ जिले में भी बीजेपी ने 6 में से 5 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की.

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हालांकि टिकट वितरण और आंतरिक मतभेदों के बावजूद, बीजेपी ने नई गठित माता वैष्णो देवी (कटरा) सीट पर भी जीत दर्ज की. इस परिणाम से यह स्पष्ट है कि बीजेपी के लिए ‘मोदी मैजिक’ अभी भी काम कर रहा है, खासकर जम्मू क्षेत्र में.

यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणाम 2024: वैष्णो देवी सीट पर बीजेपी के बलदेव राज शर्मा की जीत

जम्मू क्षेत्र में बीजेपी की बड़ी जीत

जम्मू क्षेत्र में बीजेपी की इस बड़ी जीत के पीछे कई कारण हो सकते हैं. लोगों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अनुच्छेद 370 को बहाल करने के एजेंडा के खिलाफ वोट दिया है. कांग्रेस और NC के बीच गठबंधन ने जम्मू क्षेत्र में कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया. कांग्रेस कोई भी हिंदू-बहुल सीट जीतने में विफल रही.

नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन की बनेगी सरकार!

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भविष्य की राह पर नजर डालें तो नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), जो कश्मीर घाटी में प्रभावी रही है, सरकार बनाने का दावा करेगी. कश्मीर घाटी में कहीं ज्यादा प्रभावशाली नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बीजेपी के खिलाफ अपना कारगर अभियान चलाया और घाटी में एनसी सबसे बड़ी पार्टी बनी.

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पीडीपी को गठबंधन से बाहर रखकर अपने लिए एक मजबूत स्थिति बनाई. मसलन, माना जा रहा है कि पीडीपी को बीजेपी के साथ पिछले गठबंधन का नुकसान हुआ है. चुनाव में यह बात आम थी कि अगर बीजेपी सीटें भी जीतती है और सरकार बनाने की स्थिति में आती है तो महबूबा मुफ्ती के साथ गठबंधन पहली पसंद होगी.

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विनर गठबंधन की आगे की चुनौती:

  • उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच सत्ता के बंटवारे पर संभावित रूप से टशन देखने को मिल सकता है.
  • जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग भी तेजी से बढ़ सकती है. 
  • नई सरकार में हिंदू और जम्मू के अधिकार का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए 1 या 2 हिंदू विधायकों को डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है.

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