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J-K: विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम फेज के लिए प्रचार थमा, भाजपा के लिए बहुत कुछ दांव पर

पहले फेज में वोटर्स की संख्या काफी अच्छी रही थी. 18 सितंबर को पहले चरण में 61.38 प्रतिशत और 26 सितंबर को दूसरे चरण में 57.31 प्रतिशत मतदान हुआ था. अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू और कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है, जिसके नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. 

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव- फाइल फोटो जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव- फाइल फोटो
aajtak.in
  • श्रीनगर,
  • 29 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:25 PM IST

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के लिए प्रचार अभियान रविवार शाम को समाप्त हो गया. इस चुनाव में प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा, कांग्रेस, एनसी और पीडीपी के बीच पाकिस्तान, अनुच्छेद 370, आतंकवाद और आरक्षण सहित कई मुद्दे हावी रहे. जम्मू क्षेत्र के सात जिलों जम्मू, उधमपुर, सांबा और कठुआ और उत्तरी कश्मीर के बारामुल्ला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा के 40 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने वाले इस फेज के लिए 1 अक्टूबर को मतदान होना है. पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद (कांग्रेस) और मुजफ्फर बेग सहित 415 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत दांव पर है. 

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8 अक्टूबर को आएंगे नतीजे
पहले फेज में वोटर्स की संख्या काफी अच्छी रही थी. 18 सितंबर को पहले चरण में 61.38 प्रतिशत और 26 सितंबर को दूसरे चरण में 57.31 प्रतिशत मतदान हुआ था. अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से जम्मू और कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है, जिसके नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार में पिछले 10 वर्षों में पार्टी की ओर से किए गए काम पर जोर दिया. एम ए एम स्टेडियम में एक रैली में उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू और कश्मीर के लिए केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा केवल 'अस्थायी' है. रैली में उन्होंने राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया. 

भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया था, जिसमें उसने जम्मू के चार जिलों से 18 सीटें जीती थीं और कुल 25 सीटें हासिल की थीं. ऐतिहासिक रूप से, भाजपा ने कश्मीर घाटी में कभी भी कोई विधानसभा सीट नहीं जीती है.

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इन नेताओं ने किया चुनाव प्रचार
उधर, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने सक्रिय रूप से प्रचार किया है. इन नेताओं ने कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पर 'पाकिस्तानी एजेंडा' को आगे बढ़ाने और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस नेताओं ने भी जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने और एनसी के साथ गठबंधन में 'लोगों के अनुकूल' सरकार बनाने का वादा करते हुए जोरदार प्रचार किया.

मल्लिकार्जुन खड़गे की तबीयत बिगड़ी
2014 के चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद जब कांग्रेस जम्मू जिलों से कोई भी सीट नहीं जीत पाई तो इस बार भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर से उत्साहित पार्टी को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. हालांकि, कांग्रेस को उस समय झटका लगा जब रविवार को कठुआ में एक रैली को संबोधित करते समय मल्लिकार्जुन खड़गे को चक्कर आने की समस्या हुई. हालांकि डॉक्टरों की देखभाल के बाद उनकी हालत स्थिर थी. इस वजह से कांग्रेस अध्यक्ष को उधमपुर में अपनी आखिरी रैली रद्द करनी पड़ी. 

जम्मू में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि के लिए भाजपा की आलोचना
पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने पिछले तीन वर्षों में जम्मू में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि के लिए भाजपा की आलोचना की है. उमर अब्दुल्ला ने भाजपा के कथन को चुनौती देते हुए कहा कि विपक्ष पर आरोप लगाकर वे पाकिस्तान को जवाबदेही से मुक्त कर रहे हैं.

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