Advertisement

जम्मू में 'जलवा' नहीं, कश्मीर में 'जगह' नहीं... घाटी की सियासत में कहां चूक गई BJP?

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव की तस्वीर साफ हो गई. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया है. गठबंधन ने 48 सीटें जीती हैं. जबकि, बीजेपी 29 सीटों पर ही जीत सकी है.

जम्मू-कश्मीर चुनाव में बीजेपी पिछले चुनाव के बराबर ही सीटें जीतती दिख रही है. (फाइल फोटो-PTI) जम्मू-कश्मीर चुनाव में बीजेपी पिछले चुनाव के बराबर ही सीटें जीतती दिख रही है. (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 7:54 PM IST

जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर वोटों की गिनती पूरी हो गई है. चुनाव आयोग के मुताबिक, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया है. गठबंधन ने 49 सीटें जीत ली हैं. वहीं, बीजेपी 29 सीटें जीत ली हैं. महबूबा मुफ्ती की पीडीपी तीन सीटों सिमट गई है. निर्दलीय और छोटी पार्टियों ने 10 सीटों पर कब्जा कर लिया है. 

नतीजों के मुतबाकि, बीजेपी को जम्मू में ही जीत मिली है. जम्मू रीजन की 43 सीटों में से बीजेपी ने 29 जीत ली है. जबकि, कश्मीर घाटी में बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत सकी. 

Advertisement

2014 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने अपनी सभी 25 सीटें जम्मू में ही जीती थीं. कश्मीर में उसे एक भी सीट नहीं मिली थी.

जम्मू-कश्मीर में अपना पहला मुख्यमंत्री बनाने के लिए बीजेपी को अकेले जम्मू में ही कम से कम 30 से 35 सीटें जीतना जरूरी था. जबकि, घाटी में भी उसे अच्छा प्रदर्शन करना था. हालांकि, ऐसा हो नहीं सका.

ऐसे में सवाल उठता है कि अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले और 'नया कश्मीर' का वादा करने वाली बीजेपी को चुनावी फायदा क्यों नहीं मिला? 

370 के मुद्दे को ठीक से न समझा पाना?

अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया और जम्मू-कश्मीर का न सिर्फ विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया, बल्कि इसे केंद्र शासित प्रदेश भी बना दिया. ये सब करने के बाद जम्मू-कश्मीर में कई महीनों तक कई प्रतिबंध लागू रहे. 

Advertisement

जब स्थिति थोड़ी सामान्य होने लगी तो मोदी सरकार ने विकास, नौकरियां और सुरक्षा के नाम पर 'नया कश्मीर' का वादा रखा. हालांकि, अनुच्छेद 370 हटाने से लोगों को जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई करने की कोशिशें बहुत कम हुई.

दूसरी ओर, फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीडीपी ने 370 को 'कश्मीरी अस्मिता' से जोड़ दिया. इस कदम को कश्मीर विरोधी बताया. ऐसा माना जाता है कि अब भी सिर्फ कश्मीर ही नहीं, बल्कि जम्मू की भी एक बड़ी आबादी 370 हटाने के खिलाफ है.

यह भी पढ़ें: Jammu Kashmir Election Result 2024 Winners Full List: : किस सीट पर कौन आगे, कौन पीछे, यहां देखें जम्मू-कश्मीर विधानसभा की हर सीट का अपडेट

अलगाववादी विरोधी कार्रवाई पड़ी भारी?

बीजेपी के 'नया कश्मीर' में सुरक्षा पर ज्यादा जोर दिया गया. सरकार ने आतंकवाद, अलगाववाद और पत्थरबाजी के खिलाफ जो कार्रवाई की, उसका लोगों ने स्वागत किया. लेकिन दूसरी ओर ऐसा भी महसूस किया गया कि अभिव्यक्ति की आजादी को दबाया जा रहा है. 

ये आम धारणा बनाई गई कि असहमति को दबाने के लिए डराया जा रहा है. इस कारण कश्मीर घाटी में बीजेपी वैसी नहीं उभर पाई, जैसी उसे उम्मीद थी.

तस्वीर दिल्ली स्थिति बीजेपी मुख्यालय की है. (फोटो क्रेडिट- शैलेंद्र कुमार)

नौकरियों का वादा रहा अधूरा!

Advertisement

कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद बीजेपी ने नाराजगी को खत्म करने के लिए नौकरियों का वादा किया. ये भी वादा किया कि सरकार कश्मीर में निवेश लेकर आएगी, जिससे नौकरियां पैदा होंगी. हालांकि, इन वादों पर इतना काम नहीं हुआ, जिसने जनता में नाराजगी बढ़ाई.

सहयोगी भी नाकाम रहे

चुनावी फायदे के लिए बीजेपी ने अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी और सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस जैसी पार्टियों के साथ गठबंधन कर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी का दबदबा कम करने की कोशिश की. हालांकि, इन पार्टियों के साथ गठबंधन बीजेपी के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित नहीं रहा. 

2014 में क्या रहे थे नतीजे? 

जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. यहां की 87 सीटों में से पीडीपी ने 28, बीजेपी ने 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं. बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई और मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने. 

जनवरी 2016 में मुफ्ती मोहम्मद सईद का निधन हो गया. करीब चार महीने तक राज्यपाल शासन लागू रहा. बाद में उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनीं. लेकिन ये गठबंधन ज्यादा नहीं चला. 19 जून 2018 को बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन तोड़ लिया. राज्य में राज्यपाल शासन लागू हो गया. अभी वहां राष्ट्रपति शासन लागू है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement