
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक के बाद सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि पार्टी 90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए आगामी तीन चरणों में होने वाले चुनावों में लगभग 60 से 70 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. जैसा कि उम्मीद थी कि बीजेपी लगभग एक दशक के बाद होने वाला विधानसभा चुनाव किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन किए बिना लड़ने जा रही है.
सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में अमित शाह और जेपी नड्डा सहित बीजेपी के टॉप नेतृत्व ने हिस्सा लिया. पार्टी ने जम्मू क्षेत्र के कई प्रमुख लोगों की उम्मीदवारी वापस लेने का भी फैसला किया है.
निर्दलीय उम्मीदवारों को भी समर्थन देगी बीजेपी
सूत्रों ने बताया कि इसके बजाय, पार्टी कश्मीर घाटी के उन निर्वाचन क्षेत्रों में मजबूत निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन करेगी, जहां वह अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी. 2014 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में, बीजेपी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने गठबंधन सरकार बनाई थी, जिसमें मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री थे. जनवरी 2016 में सईद के निधन के बाद, राज्यपाल शासन की एक संक्षिप्त अवधि के बाद महबूबा मुफ्ती ने अपने पिता की जगह ली थी.
जून 2018 में, बीजेपी ने पीडीपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से किनारा कर लिया, जिसकी वजह से उस साल नवंबर में तत्कालीन राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया. इसके बाद, जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं हुए.
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इस बीच, जम्मू-कश्मीर में बीजेपी की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने पहले ही कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया है, जिसमें सभी 90 सीटें शामिल हैं. हालांकि, दोनों में से कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका ऐलान अभी तक नहीं हुआ है.
सूत्रों ने पहले कहा था कि कांग्रेस ने कश्मीर घाटी में 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की ख्वाहिश जताई थी, जबकि फारूक अब्दुल्ला की पार्टी को जम्मू संभाग में इतनी ही सीटों की पेशकश की थी.
तीन चरणों में विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में होंगे. 4 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किए जाने की उम्मीद है. आर्टिकल 370 हटाए जाने और केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किए जाने के बाद, जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा.
साल 2019 से, जम्मू-कश्मीर को एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में शासित किया गया है, जिसमें प्रमुख शक्तियां उपराज्यपाल के पास हैं. मौजूदा वक्त में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज कुमार सिन्हा हैं.