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JK चुनावः 'आसान नहीं था कांग्रेस से गठबंधन लेकिन...', Exclusive बातचीत में बोले उमर अब्दुल्ला

उमर अब्दुल्ला ने बताया कि कांग्रेस हो या एनसी, दोनों ही पार्टियों के लिए यह गठबंधन आसान नहीं था. कई मुद्दों पर मतभेद था. हम उन सीटों पर लड़ना चाहते थे जहां हम ज्यादा मजबूत हैं. उनकी भी यही मंशा थी.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला.
मीर फरीद
  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:26 AM IST

जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं. गठबंधन के तहत दोनों पार्टियों में सीट शेयरिंग पर सहमति भी बन गई है. विधानसभा चुनाव पर रणनीति और तमाम सवालों को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने इंडिया टुडे से खास बातचीत की. 

'आसान नहीं था गठबंधन'

इस इंटरव्यू में उमर अब्दुल्ला ने बताया कि कांग्रेस हो या एनसी, दोनों ही पार्टियों के लिए यह गठबंधन आसान नहीं था. कई मुद्दों पर मतभेद था. हम उन सीटों पर लड़ना चाहते थे जहां हम ज्यादा मजबूत हैं. उनकी भी यही मंशा थी. कार्यकर्ताओं के लिहाज से भी तमाम दिक्कतें आ रही थीं. लेकिन इसको लेकर दोनों ओर से बातचीत की गई. अब जो समझौता हुआ है उससे दोनों ही पार्टियां संतुष्ट हैं.

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उन्होंने कहा कि 10 साल बाद यहां चुनाव हो रहे हैं. किसी के लिए भी सहमति बनाना आसान नहीं है. आपने देखा होगा कि अपने आप को सबसे अनुशासित पार्टी कहने वाली बीजेपी में क्या हुआ. लोग पार्टी दफ्तर में घुस गए. पुलिस बुलानी पड़ी.उन्हें लिस्ट बदलनी पड़ी. इस दौरान उमर अब्दुल्ला ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि मुझे पता है कि हमारे कुछ फैसलों से कार्यकर्ताओं को समस्या हो सकती है लेकिन बीजेपी को यहां से दूर करने के लिए उन्हें कुछ त्याग करना होगा. 

 
राज्य बहाली का मुद्दा उठाया

इस दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार बनने के बाद हम यह सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे कि राज्य का दर्जा बहाल हो. हम इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे. लेकिन मैं जनता से अपील करता हूं कि सरकार बनने के बाद हम इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएंगे.

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उपराज्यपाल पर साधा निशाना

उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें जब एक जगह से दूसरे जगह जाना होता है तो करीब 20 मिनट पहले ही सड़क बंद कर दी जाती है. मैं इसे हर रोज देखता हूं. ऐसे इंसान से आप क्या उम्मीद करेंगे कि वो जनता से कैसे सीधे कनेक्ट करेगा. सरकार बनने के बाद हम इसका विशेष ध्यान देंगे.जनता के मुद्दों को समझने के लिए उनके बीच में रहना जरूरी है. एलजी की व्यवस्था में ये मुमकिन नहीं है.

कांग्रेस,एनसी का हुआ गठबंधन

गठंबधन की घोषणा करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू,कश्मीर में सीटों के बंटवारे के लिए कांग्रेस के साथ बातचीत पूरी हो गई है. 90 में से, एनसी 51 सीटों पर और कांग्रेस 32 पर चुनाव लड़ेगी और यह सहमति बनी है कि 5 सीटें फ्रेंडली फाइट के लिए छोड़ी गई हैं. एक सीट सीपीआई (एम) और एक पैंथर्स पार्टी के लिए रखी गई है.

वहीं कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हमारे INDIA ब्लॉक का मुख्य उद्देश्य जम्मू,कश्मीर को बचाना था. इसलिए एनसी,कांग्रेस जम्मू,कश्मीर के पीपी के लिए एक दोस्ताना सरकार बनाने के लिए तैयार है. हम एक साथ लड़ेंगे, हम जीतेंगे और हम जम्मू,कश्मीर में सरकार बनाएंगे.

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बता दें कि जम्मू,कश्मीर 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. 370 खत्म कर दिये जाने के बाद जम्मू,कश्मीर को केंद्र शासित क्षेत्र बना दिया गया था. इसके बाद पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं. चुनाव तीन फेजों में होंगे. राज्य की 90 विधानसभा सीटों के लिए 18 सिंतबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदाता अपने मत का इस्तेमाल करेंगे. वहीं 4 अक्टूबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे.

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