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'कश्मीर में ओवर एंप्लॉयमेंट', एलजी मनोज सिन्हा ने बताया विकास का ब्लूप्रिंट

जम्मू कश्मीर में बेरोजगारी की समस्या को लेकर सवाल पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि यहां ओवर एम्प्लॉयमेंट है. उन्होंने बिहार का उदाहरण देकर समझाया और कहा कि रोजगार का मतलब बस सरकारी नौकरी नहीं होता.

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:57 AM IST

जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने गुरुवार को पंचायत आजतक जम्मू कश्मीर के मंच से अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं और भविष्य की योजनाओं का ब्लूप्रिंट भी बताया. उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर कनेक्टिविटी और  स्वास्थ्य सुविधाओं तक, सभी सवालों के जवाब भी दिए. बेरोजगारी के सवाल पर एलजी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में ओवर एम्प्लॉयमेंट है. उन्होंने कहा कि ये समझना होगा कि रोजगार का मतलब बस सरकारी नौकरियां नहीं होतीं. यहां सरकारी नौकरी में ओवर एम्प्लॉयमेंट है जिसके कारण ये बात दिमाग में बैठ गई है कि रोजगार का मतलब सरकारी नौकरी होती है.

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मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर की आबादी एक करोड़ 35- एक करोड़ 40 लाख है और यहां सरकारी नौकरियों में 4 लाख 80 हजार स्वीकृत पद हैं. उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की आबादी लगभग 13 करोड़ है और वहां सरकारी नौकरियों में पांच लाख 17 हजार है. ये इसलिए बताया कि सभी लोग समझ सकें कि यहां सरकारी नौकरियों में रोजगार कितना ज्यादा है. मनोज सिन्हा ने कहा कि इसके अलावा भी डेली वेजेज लगाए गए हैं. लोगों को तीन हजार, चार हजार, दो हजार पर नौकरियां दी गई हैं और कहा गया है कि आपको सात साल बाद हम कन्फर्म कर देंगे.  

उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में विभिन्न सरकारी विभागों में 42 हजार पद भरे गए हैं और मुझे इस बात की खुशी है कि एक भी नियुक्ति पर सवाल नहीं उठा है. मनोज सिन्हा ने कहा कि ठेला चलाने वाला का बेटा आज अफसर बना है. एक महिला फुटपाथ पर काम करती है, उसकी बच्ची अफसर बनी है. उन्होंने कहा कि वो जमाना चला गया जब पर्चियों पर लिखकर नौकरी मिलती थी. उन लोगों के पेट में दर्द है और मैं चाहता हूं कि ये दर्द और बढ़े.

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मनोज सिन्हा ने कहा कि जानता हूं कि सबको सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है और हम बैक टू विलेज नाम से एक कार्यक्रम चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक नोडल अफसर गांव में जाता है और शुरू में 10 अब 15 युवाओं को चिह्नित किया जाता है जो अपना काम कर सकते हैं. हमारा ध्यान स्वरोजगार पर भी है. पिछले साल 26 जनवरी के ठीक एक दिन पहले हमने 90 हजार नौजवानों को 973 करोड़ रुपये स्वरोजगार के लिए दिए. पीएम मुद्रा और अन्य योजनाओं के तहत लोगों को लाभ दिया गया है. मनोज सिन्हा ने कहा कि देश में सबसे कम आबादी वाला जम्मू कश्मीर पीएमजीईपी में नंबर वन है. यूपी हमारे पीछे है. हमने मिशन यूथ नया डिपार्टमेंट ही बना दिया और साढ़े सात लाख युवाओं को हमने रोजगार दिया है. आठ लाख महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी हैं.

'एक्सपोर्ट का ट्रेंड देखें तो ये डबल हो गया है'

जम्मू कश्मीर के एलजी ने कहा कि एक्सपोर्ट का ट्रेंड देखें तो ये डबल हो गया है. एक बच्ची पांच दिन पहले कूपवाड़ा से मिलने आई थी. उन्होंने कहा कि कह रही थी कि मेरे गांव में एक नेता है जो सड़क या आवास बनने पर कहता है कि मैंने कराया है. उसने कहा कि मेरे गांव में किसी के पास सरकारी नौकरी नहीं है. एलजी ने कहा कि कल आकर बताया कि 15 लोगों ने अपना काम शुरू किया है. युवा सपने देख रहा है. स्टार्टअप्स इकोसिस्टम में बड़ा हिस्सा हमारी बच्चियों का है. 

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उन्होंने कहा कि डॉक्टर कर्ण सिंह का सम्मान समारोह था. उन्होंने कहा कि और क्या हुआ, ये नहीं जानता लेकिन पिछले 30 साल में इतनी साफ डल झील नहीं देखी. मनोज सिन्हा ने कहा कि इसमें टेक्निकल इंटरवेंशन नहीं था. अब ये भी किया जाएगा. उन्होंने इंडस्ट्रियल इंसेंटिव को लेकर कहा कि ऐसी इंसेंटिव किसी राज्य में नहीं है. सबसे सस्ती बिजली जम्मू कश्मीर में मिलती है. अपराध के आंकड़ों में भी जम्मू कश्मीर बेहतर है. सवा लाख करोड़ रुपये से अधिक का इंवेस्टमेंट प्रपोजल है जिसकी वजह से पांच लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा.

75 फीसदी इंवेस्टमेंट प्रपोजल के लिए जमीन उपलब्ध

मनोज सिन्हा ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज की क्षमता डबल हो गई है. हमने जमीन से जुड़े कानूनों में बदलाव किया है. जितने प्रपोजल हैं, उनमें से 75 फीसदी के लिए जमीन है और बाकी के लिए भी हम प्रयास कर रहे हैं. बिजली की समस्या पर उन्होंने कहा कि पिछले साल हमने 93 हजार करोड़ की बिजली खरीदी. बिजली की जरूरत पूरी हो, इसके लिए प्रयास चल रहे हैं.

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मनोज सिन्हा ने कहा कि चार प्रोजेक्ट चल रहे हैं. सोलर पावर प्रोजेक्ट से भी बहुत फायदा होगा. बिजली हमको मिले तो 24 घंटे दे सकते हैं. भारत सरकार से उधार लेकर के बिजली दी गई. मुफ्त सेवाओं के लिए ये जमाना देश में खत्म हो गया है. जम्मू कश्मीर में भी बहुत लोग इसे स्वीकार भी करते हैं लेकिन जिनको आदत पड़ी हुई है, वे भड़का रहे हैं. मीटरिंग के बाद हम इस स्थिति में आ जाएंगे कि पूरी बिजली मिलने लगेगी. बिल मिलने लगेगा तो हम गरीबों को मुफ्त बिजली देने से भी गुरेज नहीं करेंगे.

कश्मीरी पंडितों की नाराजगी के सवाल पर क्या बोले एलजी

आतंकी घटनाओं और टार्गेट किलिंग को लेकर सवाल पर एलजी ने कहा कि कश्मीर का आतंकवाद देश के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात थी. जो भी आतंकी थे, वे वहां पहुंचा दिए गए हैं जहां उन्हें पहुंचना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब बिजनेस भी चल रहा है, ट्रैफिक भी चल रहा है, पत्थरबाज अंतर्ध्यान हो गए हैं, जिनके इशारे पर ये सब होता था, वे गुमनाम हो गए हैं.

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एलजी ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की नाराजगी की जहां तक बात है, अगर 85 फीसदी से अधिक न कहें कि स्थिति बेहतर है तो मैं फिर से वही कहूंगा कि चला जाऊंगा. उन्होंने कहा कि कश्मीर में शांति स्थापित करने में हम सफल रहे हैं. पड़ोसी के पेट में दर्द है, उसने आतंकियों को भेजा है जम्मू रीजन में. फोर्सेज ने भी अब अपनी पोजिशन ले ली है. जम्मू कश्मीर और भारत के लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि भारत सरकार शांति खरीदने में नहीं, शांति स्थापित करने में विश्वास रखती है.

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