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अमित शाह, योगी, मोहन यादव, मिथुन की रैलियां... झारखंड के लिए आज BJP का हाई वोल्टेज अभियान

झारखंड में पहले चरण का चुनाव 13 नवंबर को होना है जिसके लिए 683 उम्मीदवार मैदान में हैं. यानी, हर सीट पर करीब 16 उम्मीदवार हैं. दूसरा चरण 20 नवंबर को होगा और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.

झारखंड चुनाव (फाइल फोटो) झारखंड चुनाव (फाइल फोटो)
अमित भारद्वाज
  • रांची,
  • 11 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:11 AM IST

झारखंड (Jharkhand) में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत गर्म है. पहले चरण के मतदान के लिए प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी के हाई वोल्टेज अभियान तैयारी जोरों पर है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और जेडीयू के राजा पीटर के साथ तीन जनसभाएं करेंगे. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आज झारखंड में चार रैलियां करेंगे.

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वहीं, चुनाव प्रचार के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी भी झारखंड आ रहे हैं. सूबे में दोनों नेताओं की तीन-तीन जनसभाएं होंगी. इसके साथ ही बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती भी आज तीन जनसभाएं करेंगे.

मैदान में 683 कैंडिडेट्स

भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. पहले चरण का चुनाव 13 नवंबर को होना है जिसके लिए 683 उम्मीदवार मैदान में हैं. यानी, हर सीट पर करीब 16 उम्मीदवार हैं. दूसरा चरण 20 नवंबर को होगा और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) गठबंधन की योजना अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लोकप्रियता के बल पर सत्ता में बने रहने की है, खासकर अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों के सर्मथन के भरोसे. 

वहीं, बीजेपी गठबंधन, सोरेन सरकार की कमियों को गिनाते और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का विस्तार करते हुए वापसी की कोशिश कर रहा है, जिसमें ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU), झारखंड विकास मोर्चा (JVM), और जनता दल (यूनाइटेड) को शामिल किया गया है.

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क्या है सूबे का क्षेत्रीय समीकरण?

झारखंड को चुनावी विश्लेषण के लिए पांच क्षेत्रों में बांटा जा सकता है: पलामू, संथाल परगना, उत्तर छोटानागपुर, दक्षिण छोटानागपुर, और कोल्हान. पलामू में 9 सीटें हैं, छोटानागपुर में 40 सीटें (उत्तर और दक्षिण मिलाकर), संथाल परगना में 18 सीटें और कोल्हान में 14 सीटें हैं. राज्य में अनुसूचित जाति के लिए 9 सीटें और अनुसूचित जनजाति के लिए 28 सीटें आरक्षित हैं.

बीजेपी ने अनुसूचित जाति की सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत की है, जबकि जेएमएम की पकड़ अनुसूचित जनजाति वाली सीटों पर बढ़ी है. दक्षिण छोटानागपुर में 11 अनुसूचित जनजाति सीटें हैं, कोल्हान में 9, संथाल परगना में 7 और पलामू में सिर्फ 1. उत्तर छोटानागपुर में अनुसूचित जनजाति के लिए कोई सीट नहीं है. अनुसूचित जाति की चार सीटें उत्तर छोटानागपुर में, दो पलामू में, और एक-एक दक्षिण छोटानागपुर, कोल्हान, और संथाल परगना में हैं. राज्य की कुल आबादी में अनुसूचित जाति का हिस्सा करीब 12 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति का हिस्सा 26 प्रतिशत है.

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