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'भय बिनु होय न प्रीत... अब हम औकात दिखाएंगे', जीतन राम मांझी के बगावती सुर ने NDA को दी टेंशन!

जीतन राम मांझी ने झारखंड और दिल्ली के चुनाव में औकात देख कर लोगों को टिकट दिया गया. कहते हैं कि हमने एक भी सीट नहीं मांगी थी, इसलिए नहीं दिया गया. बिहार में मुसहर और भुइयां समाज की आबादी को देखते हुए उनकी राजनीतिक ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अब बिहार में हम अपनी औकात दिखाएंगे.

केंद्रीय मंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी. (PTI Photo) केंद्रीय मंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी. (PTI Photo)
शशि भूषण कुमार
  • पटना,
  • 21 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:45 PM IST

बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी जीतन राम मांझी दिल्ली और झारखंड में अपनी पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को कोई सीट नहीं दिए जाने और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को तवज्जों दिए जाने से नाराज बताए जा रहे हैं. बता दें कि बीजेपी ने लोजपा को झारखंड में एक सीट दी थी और दिल्ली में भी चिराग की पार्टी देवली सीट पर चुनाव लड़ रही है. 

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हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा प्रमुख जीतन राम मांझी ने मुंगेर के जमालपुर में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के जिलास्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में कुछ ऐसे बातें कहीं, जिसने बिहार में विपक्षी गठबंधन को एनडीए पर तंज कसने का मौका दे दिया. जीतन राम मांझी ने रामचरितमानस की चौपाई का एक अंश 'भय बिनु होय न प्रीत...', का जिक्र करते हुए मोदी सरकार की कैबिनेट से इस्तीफा देने तक की धमकी दे दी.

लगता है कैबिनेट हमको छोड़ना पड़ेगा: मांझी

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, 'जब हमारे कार्यक्रम में भीड़ आ रही है, जनमानस हमारा है, वोटर हमको वोट देने के लिए तैयार तो फिर सीट क्यों नहीं मिली? मेरा एक ही प्रश्न है. हम फरियाना नहीं चाहते हैं कि हमको इतनी सीट दे दो, लेकिन कहते हैं कि जो वजूद है उस आधार पर सीट दो. हमको कोई फायदा नहीं है. आपके (लोगों) फायदे के लिए कह रहे हैं. लगता है कैबिनेट हमको छोड़ना पड़ेगा.'

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यह भी पढ़ें: बिहार: जीतनराम मांझी ने शुरू की प्रेशर पॉलिटिक्स! विधानसभा में NDA से मांगी 20 सीटें

बिहार में हम अपनी औकात दिखाएंगे: मांझी

दो दिन पहले जहानाबाद में भुइयां-मुसहर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा था कि एनडीए में उनकी उपेक्षा की जा रही है. झारखंड में चुनाव लड़ने के लिए एक भी सीट नहीं दी गई और दिल्ली में भी ऐसा ही हो रहा है. उन्होंने कहा, 'झारखंड और दिल्ली के चुनाव में औकात देख कर लोगों को टिकट दिया गया. कहते हैं कि हमने एक भी सीट नहीं मांगी थी, इसलिए नहीं दिया गया. बिहार में मुसहर और भुइयां समाज की आबादी को देखते हुए उनकी राजनीतिक ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अब बिहार में हम अपनी औकात दिखाएंगे.'

बिहार में HAM कार्यकर्ता 40 सीटें मांग रहे हैं 

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख ने कहा, 'झारखंड और दिल्ली चुनावों में हमारी पार्टी को दो-तीन सीटें भी मिलतीं, तो बेहतर प्रदर्शन हम कर सकते थे. बिहार में हमारी पार्टी का शानदार रिकॉर्ड रहा है, 2025 में भी हम ऐसा ही प्रदर्शन करेंगे. झारखंड और दिल्ली दोनों राज्यों में एक भी सीट नहीं मिलना हमे धोखा देने जैसा है. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में ये धोखा नहीं चलने वाला. हमारे कार्यकर्ता 40 सीट मांग रहे हैं, ताकि 20 सीट जीत सकें. अगर हम इतनी सीटें जीतते हैं तो बिहार में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा अपनी नीति के हिसाब से सारे काम करवा लेगी.'

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जीतन राम मांझी से जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि क्या वह एनडीए से नाराज हैं, तो उन्होंने कहा, 'नाराज नहीं हैं. घर में रोटी की मांग तो गार्जियन से कर सकते हैं ना. अगर हमको चार रोटी की भूख है और हमको एक भी रोटी नहीं देंगे तो हम गार्जियन से मांगेंगे नहीं? वही मेरी मांग है.' हालांकि जीतन राम मांझी के बयान के बाद उनके बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने कहा कि दिल्ली और झारखंड चुनाव में उनकी पार्टी ने कोई सीट नहीं मांगी थी.  
 

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