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कल्पना सोरेन... महज कुछ महीनों में यूं बन गईं झारखंड में JMM की सबसे बड़ी उम्मीद

मार्च 1985 में जन्मी कल्पना, ओडिशा से एमबीए की डिग्री के साथ इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा अपने पति हेमंत सोरेन की जनवरी 2024 में गिरफ्तारी के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा. उन्होंने अपने पति और झारखंड के तत्कालीन सीएम की विरासत संभाली.

झारखंड मुक्ति मोर्चा की नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन. (Photo: Aajtak/Satyajeet) झारखंड मुक्ति मोर्चा की नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन. (Photo: Aajtak/Satyajeet)
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 15 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 8:46 PM IST

कल्पना सोरेन झारखंड की राजनीति में अब एक ब्रैंडेड नाम हैं. कुछ ही महीने पहले सक्रिय राजनीति में एंट्री करने वाली कल्पना ने खुद को काफी परिपक्व और अनुभवी नेता के रूप में जनता के सामने पेश किया है. इसमें कोई संदेह नहीं ​है कि वह झामुमो के लिए स्टार प्रचारक बनकर उभरी हैं, साथ ही इंडिया ब्लॉक में भी उनकी मांग बढ़ गई है. स्थानीय भाषा के अलावा हिंदी और अंग्रेजी पर भी उनका समान अधिकार है. कार्यकर्ताओं को संबोधित करने की उनकी तेजतर्रार शैली और पार्टी के कार्यक्रमों में उनके भाषणों ने उन्हें लोकप्रिय बना दिया है. कल्पना सोरेन का झामुमो कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ बहुत अच्छा कनेक्ट है. वह जिस सकारात्मक भाव-भंगिमा के साथ खुद को व्यक्त करती हैं, उससे बड़ी भीड़ उनकी ओर खींचती है. 

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मार्च 1985 में जन्मी कल्पना, ओडिशा से एमबीए की डिग्री के साथ इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा अपने पति हेमंत सोरेन की जनवरी 2024 में गिरफ्तारी के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा. उन्होंने अपने पति और झारखंड के तत्कालीन सीएम की विरासत संभाली. लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में अपने पहले राजनीतिक भाषण में उन्होंने एक परिपक्व नेता के गुणों का प्रदर्शन किया था. उन्हें लोकसभा चुनावों के दौरान इंडिया ब्लॉक की ओर से झारखंड में प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई. कल्पना सोरेन ने आदिवासियों के लिए आरक्षित सभी 5 लोकसभा सीटों पर प्रचार किया और इंडिया ब्लॉक को उन सभी सीटों पर जीत मिली. गिरिडीह के गांडेय में उपचुनाव में सफलता हासिल करने के बाद धीरे-धीरे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता गया. उन्होंने 26000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. 

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झामुमो के लिए क्राउड पुलर बनकर उभरी हैं कल्पना

सरफराज अहमद के राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी. कल्पना ने हेमंत सोरेन का आधा भार कम कर दिया है. हेमंत सीएम के तौर पर शासन व्यवस्था देखते हैं, जबकि पार्टी अभियानों और कार्यकर्ताओं के साथ कल्पना डील करती हैं. विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने झारखंड के सभी 5 संभागों में बड़े पैमाने पर यात्रा की है. चाहे बीजेपी का गढ़ हो या कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर चंपाई सोरेन का इलाका. मंईयां सम्मान योजना के लिए आयोजित 70 सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान कल्पना सोरेन ने बड़ी भीड़ खींची. जितिया के मौके पर उन्होंने पलामू के एक गांव में पूजा भी की. अगर कोई राजनेता जनता और कार्यकर्ताओं के प्रति अपनेपन की भावना व्यक्त करने में सफल रहता है, तो उसका कनेक्ट उतना ही जोरदार होता है. कल्पना सोरेन इसमें माहिर हैं. महिलाएं और युवतियां उनके साथ काफी सहज नजर आती हैं. 

झामुमो को मंईयां सम्मान योजना से है काफी उम्मीद

कल्पना सोरेन 16 अक्टूबर से करीब 70 जनसभाओं को संबोधित करेंगी. राजनीतिक विशेषज्ञ ऐसा मानते हैं कि वह झामुमो और इंडिया ब्लॉक के लिए झारखंड में गेम चेंजर साबित हो सकती हैं, क्योंकि महिलाओं के साथ उनका कनेक्ट बहुत शानदार है. इस विधानसभा चुनाव में महिलाएं निर्णायक होने जा रही हैं. कम से कम 10 आदिवासी सीटों पर उनकी उपस्थिति पुरुषों की तुलना में काफी अधिक है. झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पात्र मतदाताओं की कुल संख्या 2 करोड़ 60 लाख है. इनमें महिला वोटर 1 करोड़ 29 लाख हैं, जबकि पुरुष मतदाता 1 करोड़ 31 लाख हैं. हेमंत सरकार ने मंईयां सम्मान योजना के तहत 45 से 50 लाख से अधिक महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा है, जिसके तहत उन्हें पहले ही 1000 रुपये की दो सहायता राशि वितरित की जा चुकी है.

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झारखंड में 2 चरणों में संपन्न होंगे विधानसभा चुनाव  

पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को झारखंड में 50 लाख वोट मिले थे. झामुमो ने बीजेपी से कम सीटों पर चुनाव लड़कर 28 लाख वोट हासिल किए थे. कल्पना और हेमंत सोरेन की नजर इस बात पर है कि अगर मंईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों का आधा वोट भी झामुमो के पक्ष में आ गया तो पार्टी काफी मजबूत स्थिति में होगी. इसके अलावा अगर कल्पना सोरेन का महिलाओं के साथ जुड़ाव वोटों में तब्दील होता है, तो झामुमो जीत हासिल करने की स्थिति में होगी. बड़ी संख्या में महिला मतदाताओं को कल्पना के साथ जुड़ता देख झामुमो भी हैरान है. जाहिर तौर पर यही कारण है कि झामुमो नेताओं के बीच कल्पना सोरेन की रैलियों की मांग को लेकर होड़ मची हुई है. भारत के निर्वाचन आयोग ने 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. राज्य में दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को मतदान होंगे. पहले चरण में 13 नवंबर को 43 और दूसरे चरण में 20 नवंबर को 38 सीटों के लिए वोटिंग होंगी. नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे.

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