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PM मोदी की 8, गडकरी की 40, योगी की 15 रैलियां... महाराष्ट्र में होगा शुरू BJP का ताबड़तोड़ कैंपेन

प्रधानमंत्री मोदी पश्चिमी महाराष्ट्र, विदर्भ, मुंबई-कोंकण, नॉर्थ महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में कुल आठ बैठकें करेंगे. सूबे में सबसे ज्यादा जनसभाएं देवेंद्र फडणवीस, नितिन गडककरी और चंद्रशेखर बवांकुले करेंगे.  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराष्ट्र में कुल 15 जनसभाएं करेंगे. 

नितिन गडकरी,पीएम मोद और योगी आदित्यनाथ नितिन गडकरी,पीएम मोद और योगी आदित्यनाथ
ऋत्विक भालेकर
  • मुंबई,
  • 30 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 2:55 PM IST

महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. बीजेपी ने चुनाव को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और अन्य बड़े नेता महाराष्ट्र में कई ताबड़तोड़ जनसभाएं करेंगे. 

प्रधानमंत्री मोदी पश्चिमी महाराष्ट्र, विदर्भ, मुंबई-कोंकण, नॉर्थ महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में कुल आठ रैलियां करेंगे. सूबे में सबसे ज्यादा जनसभाएं देवेंद्र फडणवीस, नितिन गडककरी और चंद्रशेखर बवांकुले करेंगे.  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराष्ट्र में कुल 15 जनसभाएं करेंगे. 

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महाराष्ट्र में किसकी कितनी जनसभाएं होंगी?

पीएम नरेंद्र मोदी - 8
अमित शाह - 20
नितिन गडकरी - 40
देवेंद्र फडणवीस - 50
चंद्रशेखर बवांकुले - 40
योगी आदित्यनाथ - 15

मैदान में मुख्य रूप से दो गठबंधन आमने-सामने

महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी ने मिलकर महाविकास अघाड़ी का गठन किया था. इस बार के महाराष्ट्र चुनाव में मुकाबला पार्टियों के बजाय दो गठबंधनों के बीच देखने को मिलेगा. सत्तारूढ़ महायुति और महाविकास अघाडी आमने-सामने होंगे.

दरअसल, महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन (MVA) महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के अपने प्रदर्शन को दोहराना चाहेगी, जिसमें उसे महायुति पर बढ़त हासिल हुई थी.

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20 नवंबर को होना है चुनाव 

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. पिछले चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. हालांकि, चुनाव के बाद शिवसेना एनडीए से अलग हो गई और उसने एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली. शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने. जून 2022 में शिवसेना में आंतरिक कलह हो गई. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 40 विधायकों को तोड़ दिया. एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए. अब शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है. शरद पवार की एनसीपी भी दो गुट- शरद पवार और अजित पवार में बंट गई है.

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