
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर महाविकास आघाडी में चली आ रही खींचतान खत्म होती नजर आ रही है. MVA के बीच सीट शेयरिंग को लेकर मंगलवार देर रात चार घंटे तक चली मैराथन बैठक के बाद सहमति करीब-करीब बन गई है, सिर्फ 4-5 सीटों को लेकर ही पेच फंसा हुआ है, जो बुधवार को क्लियर हो जायेगा. इसके बाद आज तीनों दल संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं.
एमवीए की तरफ से इस बार कांग्रेस सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र की 104 से 106 सीटों पर कांग्रेस इस बार अपने प्रत्याशी उतार सकती है. इस बंटवारे में उद्धव गुट के हिस्से में 92 से 96 सीटें आने की उम्मीद है. तो वहीं नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (शरद गुट) के हिस्से में 85 से 88 सीटें आ सकती हैं.
बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी जैसे एमवीए के गठबंधन सहयोगियों को इनमें से ही कुछ सीटें दी जा सकती हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ ने न्यूज एजेंसी से कहा है कि 4-5 सीटों पर अभी कोई राय कायम नहीं हुई है. इनके बारे में बुधवार को बात की जायेगी और पूरी संभावना है कि बुधवार शाम तक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की जाये.
इन सीटों को लेकर चल रही है बात
दक्षिण नागपुर- उद्धव गुट बनाम कांग्रेस, रामटेक - उद्धव गुट बनाम कांग्रेस, वरोरा - एनसीपी बनाम कांग्रेस, चंद्रपुर - एनसीपी बनाम कांग्रेस, कामठी - कांग्रेस बनाम उद्धव गुट, भंडारा - एनसीपी बनाम उद्धव गुट, अमरावती - कांग्रेस बनाम उद्धव गुट, दरियापुर - कांग्रेस बनाम उद्धव गुट, एरंडोल - एनसीपी बनाम उद्धव गुट, नासिक पश्चिम - उद्धव गुट बनाम कांग्रेस
क्या इन सीटों पर बन गई है सहमति?
बता दें कि तीनों राजनीतिक पार्टियों के बीच विदर्भ की सीटों के बंटवारे को लेकर ही बात नहीं बन पा रही थी. हालांकि, कहा जा रहा है कि अब इन्हें काफी हद तक सुलझा लिया गया है. नागपुर पश्चिम, कामठी, गोंदिया और भंडारा से कांग्रेस चुनाव लड़ सकती है तो वहीं शिवसेना को वाणी और रामटेक के साथ ही 9 और सीट दी जा सकती हैं. शरद पवार की एनसीपी को विदर्भ में 11 से 12 सीटें दी जा सकती हैं.
दो गठबंधनों पर फोकस है इस बार का चुनाव
महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी ने मिलकर महा विकास अघाड़ी का गठन किया था. इस बार के महाराष्ट्र चुनाव में मुकाबला पार्टियों के बजाय दो गठबंधनों के बीच देखने को मिलेगा. सत्तारूढ़ महायुति और महा विकास अघाडी आमने-सामने होंगे.
BJP-शिवसेना-NCP साथ लड़ रहे चुनाव
दरअसल, महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन (MVA) महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के अपने प्रदर्शन को दोहराना चाहेगी, जिसमें उसे महायुति पर बढ़त हासिल हुई थी.
लोकसभा में 30 सीटों पर मिली थी जीत
महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से एमवीए को 30 पर जीत मिली थी, जबकि महायुति सिर्फ 17 सीटें जीत सकी थी. एमवीए में शामिल दलों में कांग्रेस ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उनमें से 13 पर जीत हासिल की थी. शिवसेना (यूबीटी) ने जिन 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से 9 पर उसे जीत मिली थी, जबिक शरद पवार की एनसीपी ने 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 8 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. एक स्वतंत्र उम्मीदवार ने बाद में कांग्रेस को समर्थन दे दिया था, जिससे एमवीए के सीटों की संख्या 31 हो गई. बता दें कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर को एक ही चरण में चुनाव होना है, जिसके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.