
महाराष्ट्र (Maharashtra) में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. ऐसे में राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर तैयारियों में जुटे हुए हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए नागपुर में सीट बंटवारे पर बातचीत की.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को हुई यह मीटिंग करीब तीन घंटे तक चली. सूत्रों ने बताया कि कल की मीटिंग पिछले दो-तीन दौर की शुरुआती चर्चाओं के अनुरूप थी. दो-तीन और बैठकों के बाद सीटों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगेगी.
173 सीटों पर बनी सहमति- सूत्र
एनसीपी के सूत्रों ने बताया कि 173 सीटों पर सहमति बन गई है. सबसे ज्यादा सीटें बीजेपी को मिलेंगी, उसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की पार्टी को मिलेंगी. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले, सीएम शिंदे और एनसीपी के सीनियर नेता सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल की बैठक में जल्द ही बाकी 115 सीटों पर फैसला किया जाएगा.
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क्या महाराष्ट्र के नतीजे लोकसभा से अलग होंगे?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कामकाज की बात करें तो सर्वे में शामिल 35 फीसदी लोग संतुष्ट पाये गये हैं, जबकि 31 फीसदी लोग कुछ हद तक संतोष भी जता रहे हैं. वैसे तो 28 फीसदी लोग एकनाथ शिंदे के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं.
MOTN सर्वे के मुताबिक, महाराष्ट्र में सरकार के कामकाज की बात करें तो 25 फीसदी लोगों ने संतोष जताया है, लेकिन ये संख्या हरियाणा में बीजेपी की सरकार की तुलना में थोड़ी कम है. महाराष्ट्र में 34 फीसदी लोग सरकार के काम से कुछ हद तक संतोष जता रहे हैं - लेकिन 34 फीसदी लोगों ने महाराष्ट्र सरकार के काम को लेकर असंतोष भी जताया है.
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लोकसभा चुनावों में बीजेपी तो कांग्रेस से पिछड़ ही गई थी, उसके गठबंधन साथी शिवसेना और एनसीपी भी अपने पुराने साथियों के सामने फिसड्डी साबित हुए थे. महाराष्ट्र में कांग्रेस के हिस्से में 13 सीटें आई थीं, जबकि बीजेपी 9 पर ही सिमट कर रह गई थी - अब उसके हिसाब से देखें तो मूड ऑफ द नेशन सर्वे में लोगों ने जिस हिसाब से वोट डाले थे उससे अलग राय जाहिर की है.