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नवाब मलिक, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की पत्नी की उम्मीदवारी... महायुति की सीट शेयरिंग कहां अटकी?

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. पिछले चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. हालांकि, चुनाव के बाद शिवसेना एनडीए से अलग हो गई और उसने एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली. शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने.

महाराष्ट्र चुनाव को लेकर महायुति में सीट शेयरिंग फाइनल नहीं हो सकी है (फाइल फोटो) महाराष्ट्र चुनाव को लेकर महायुति में सीट शेयरिंग फाइनल नहीं हो सकी है (फाइल फोटो)
साहिल जोशी/ऋत्विक भालेकर/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 24 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

महाराष्ट्र चुनाव में अब कुछ ही समय बचा है और महायुति में सीट शेयरिंग को लेकर रार थमने का नाम नहीं ले रही है. जहां एक तरफ अजित पवार की एनसीपी के मुंबई अध्यक्ष समीर भुजबल ने पद से इस्तीफा देकर शिंदे के उम्मीदवार के सामने नांदगांव से निर्दलीय पर्चा भर दिया है तो वहीं कई और सीटों पर भी उम्मीदवारी को लेकर महायुति के दलों में खींचतान चल रही है. 

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अंधेरी ईस्ट सीट पर भी महायुति में रार नजर आ रही है. यहां एनसीपी (शिंदे) बनाम बीजेपी की खींचतान चल रही है. शिंदे चाहते हैं कि पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी स्वीकृति  यहां से चुनाव लड़ें. लेकिन बीजेपी भी यहीं से चुनाव लड़ना चाहती है. बीजेपी का कहना है कि प्रदीप शर्मा एंटीलिया और मनसुख हिरन मर्डर केस में आरोपी हैं और उनकी पत्नी को उम्मीदवार नहीं बनाया जाना चाहिए, ऐसे में बीजेपी का उम्मीदवार बेहतर रहेगा.

इसके अलावा बताया जा रहा है कि नवाब मलिक की उम्मीदवारी का भी बीजेपी ने विरोध किया था. सूत्रों की मानें तो अजित पवार की एनसीपी नवाब मलिक को भी टिकट देना चाहती थी. लेकिन जेल में रह चुके नवाब मलिक की उम्मीदवारी का बीजेपी ने विरोध किया. इसके चलते उन्हें टिकट नहीं दिया गया है. नवाब मलिक पीएमएलए मामले में जमानत पर बाहर हैं. वह मनकूर से चुनाव लड़ना चाहते हैं. हालांकि उनकी बेटी सना मलिक की अणुशक्ति नगर से उम्मीदवारी को हरी झंडी मिली है.

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इन चार सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों पर शिंदे को आपत्ति

एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने ठाणे जिले में बीजेपी द्वारा घोषित 4 उम्मीदवारों पर आपत्ति जताई है. इनमें कल्याण पूर्व सीट, ठाणे सीट, ऐरोली सीट और मुरबाद सीट शामिल है.

1. कल्याण पूर्व: बीजेपी ने अपने विधायक गणपत गायकवाड़ की पत्नी सुलभा गायकवाड़ को मैदान में उतारा है. गणपत गायकवाड़ वर्तमान में उल्हासनगर पुलिस स्टेशन में शिवसेना नेता शिंदे पर गोली चलाने के आरोप में जेल में हैं.
2. ठाणे विधानसभा: बीजेपी ने यहां से अपने विधायक संजय केलकर को मैदान में उतारा है. शिंदे की शिवसेना ने आपत्ति जताई है क्योंकि संजय केलकर ने शिंदे और उनके समर्थकों द्वारा संचालित ठाणे नगर निगम के काम की जांच की मांग की थी. 
3. ऐरोली: यहां से बीजेपी ने गणेश नाइक को टिकट दिया है. बताया जा रहा है कि उनके बेटे शरद पवार की एनसीपी के टिकट पर महायुति के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. 
4. मुरबाद: बीजेपी ने यहां से किशन कथोरे को फिर से टिकट दिया है. इस पर भी शिंदे की पार्टी ने आपत्ति जताई है.

रार मिटाने को मुंबई से दिल्ली तक बैठक

गठबंधन के भीतर इसी रार को मिटाने के लिए मुंबई से लेकर दिल्ली तक मैं बैठकों का दौर जारी है. इस क्रम में गुरुवार को भी अमित शाह के आवास पर महायुति की बैठक हुई, जिसमें महाराष्ट्र के सीएम और डिप्टी सीएम शामिल हुए. बताया जा रहा है कि इस बैठक में अजित पवार और बीजेपी के बीच सीटों को लेकर चल रही खींचतान का तोड़ निकाल लिया गया है. 

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सूत्रों की मानें तो अजित पवार की एनसीपी के लिए बीजेपी कुछ सीटें खाली करने पर सहमत हुई है. इसके अलावा एकनाथ शिंदे भी कुछ सीटें एनसीपी के लिए छोड़ेंगे. हालांकि ये कौन सी सीटें होंगी, इसको लेकर अभी तक कोई औपचारिक ऐलान नहीं हो सका है. लेकिन बताया जा रहा है कि जल्द ही महायुति की तरफ से सीट शेयरिंग के फाइल फॉर्मूले की घोषणा की जाएगी.

20 नवंबर को है चुनाव

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. पिछले चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. हालांकि, चुनाव के बाद शिवसेना एनडीए से अलग हो गई और उसने एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली. शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने.

जून 2022 में शिवसेना में आंतरिक कलह हो गई. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 40 विधायकों को तोड़ दिया. एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए. अब शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है. शरद पवार की एनसीपी भी दो गुट- शरद पवार और अजित पवार में बंट गई है.

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