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महाराष्ट्र चुनावः अजित पवार को झटका देने की तैयारी में नरेंद्र राणे, समीर भुजबल भी बढ़ा सकते हैं मुश्किलें!

नरेंद्र राणे ने महाराष्ट्र के तीन महासचिव विलास माने, दिनकर तावड़े और विजय देसाई के साथ आज मुंबई के वाई बी चव्हाण केंद्र में शरद पवार से मुलाकात की. इसके बाद से सियासी हलचल तेज है. वहीं, नंदगांव सीट को लेकर भी विवाद थम नहीं रहा है.

अजित पवार की बढ़ सकती है मुश्किलें (फाइल फोटो) अजित पवार की बढ़ सकती है मुश्किलें (फाइल फोटो)
ऋत्विक भालेकर
  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए तारीख का ऐलान हो गया है. 20 अक्तूबर को राज्य की 288 सीटों पर वोटिंग होनी है. इससे पहले सियासी उठापटक का दौर जारी है. महायुति गठबंधन का हिस्सा अजित पवार की एनसीपी को बड़ा झटका लगा है. मुंबई के कार्यकारी अध्यक्ष नरेंद्र राणे, शरद पवार खेमे में शामिल हो सकते हैं.

नरेंद्र राणे ने महाराष्ट्र के तीन महासचिव विलास माने, दिनकर तावड़े और विजय देसाई के साथ आज मुंबई के वाई बी चव्हाण केंद्र में शरद पवार से मुलाकात की. इसके बाद से सियासी हलचल तेज है. 

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यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र चुनाव: बारामती विधानसभा में 'पवार VS पवार' की लड़ाई, भतीजे से हो सकती है अजित की टक्कर

समीर भुजबल भी बढ़ा सकते हैं अजित पवार की  मुश्किल
 
सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार मुंबई अध्यक्ष समीर भुजबल के अगले कदम को लेकर सतर्क हैं. दरअसल, वरिष्ठ नेता छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल भी नासिक जिले के नंदगांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. हालांकि, नंदगांव सीट से मौजूदा विधायक सुहास कांडे शिंदे गुट में हैं. वहीं, एनसीपी के कार्यकर्ता यह सीट समीर भुजबल के लिए मांग रहे हैं. एनसीपी कार्यकर्ताओं ने ये भी ऐलान किया है कि  वे नंदगांव में सुहास कांडे के समर्थन में काम नहीं करेंगे. ऐसे में चर्च है कि  समीर भुजबल एनसीपी (शरद गुट) या यूबीटी से चुनाव लड़ने के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.

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बता दें कि महाराष्ट्र में चुनावी तारीख का ऐलान हो गया है. राज्य में सभी 288 सीटों पर एक चरण में ही मतदान होगा. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और 23 नवंबर को मतगणना होगी.महाराष्ट्र में फिलहाल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार है. सत्ताधारी महायुति में एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी शामिल है.

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