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महाराष्ट्र चुनाव: महायुति में सीट शेयरिंग फाइनल! 156 सीटों पर लड़ेगी BJP, जानें शिवसेना और NCP कितनी सीटों पर लड़ेंगी चुनाव

महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं. राज्य में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) गठबंधन की सरकार है. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 105 सीटें जीती थीं. इस बार भी महायुति पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने जा रही है और सीट शेयरिंग पर अंतिम दौर की बातचीत चल रही है. वर्तमान में बीजेपी के 103 विधायक हैं. शिवसेना (शिंदे) के पास 40 विधायक और एनसीपी (अजित) के पास 43 विधायक हैं.

महाराष्ट्र चुनाव के मद्देनजर महायुति में सीट शेयरिंग को लेकर बैठकों का दौर जारी है (फाइल फोटो) महाराष्ट्र चुनाव के मद्देनजर महायुति में सीट शेयरिंग को लेकर बैठकों का दौर जारी है (फाइल फोटो)
ऋत्विक भालेकर
  • मुंबई,
  • 22 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 7:31 PM IST

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कुछ ही समय बचा है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हैं. टिकट बंटवारे से लेकर गठबंधन में शामिल दलों में सीट शेयरिंग तक को लेकर बैठकों का दौर जारी है. महाविकास अघाड़ी और महायुति के दलों में सीट शेयरिंग की बातचीत आखिरी चरण में है. इस क्रम में सत्ताधारी महायुती में सीट शेयरिंग लगभग फाइनल हो गया है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी 156 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना के खाते में 78 से 80 और अजित पवार की एनसीपी को 53 से 54 सीटें मिली हैं.  

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दरअसल, महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटें हैं. राज्य में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) गठबंधन की सरकार है. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 105 सीटें जीती थीं. इस बार भी महायुति पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरने जा रही है और सीट शेयरिंग पर अंतिम दौर की बातचीत चल रही है. वर्तमान में बीजेपी के 103 विधायक हैं. शिवसेना (शिंदे) के पास 40 विधायक और एनसीपी (अजित) के पास 43 विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी राज्य में सबसे बड़ा दल है. 

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होंगे चुनाव

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. पिछले चुनाव में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं. हालांकि, चुनाव के बाद शिवसेना एनडीए से अलग हो गई और उसने एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली. शिवसेना के उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने. जून 2022 में शिवसेना में आंतरिक कलह हो गई. इसके बाद एकनाथ शिंदे ने पार्टी के 40 विधायकों को तोड़ दिया. एकनाथ शिंदे बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए. अब शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है. शरद पवार की एनसीपी भी दो गुट- शरद पवार और अजित पवार में बंट गई है.

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राज्य में एक और गठबंधन मैदान में

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधनों का गणित सेट होने लगा है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाली महायुति में शामिल एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में सीट शेयरिंग पर बातचीत अंतिम दौर में है. बीजेपी ने 99 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर दिया है. वहीं, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में सीट बंटवारे का पेच अब तक नहीं सुलझ सका है. दोनों गठबंधनों में जारी कवायद के बीच अब सूबे के चुनावी रण में एक तीसरे गठबंधन की एंट्री हो गई है.

बीजेपी से राज्यसभा सांसद रहे संभाजी राजे छत्रपति की अगुवाई में हुए इस नए गठबंधन में राजू शेट्टी की पार्टी स्वाभिमानी शेतकारी पक्ष, बच्चू कुडू की अगुवाई वाली प्रहार जनशक्ति पार्टी भी शामिल है. छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी ने मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल और वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के प्रकाश आंबेडकर को भी इस तीसरे गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है. उन्होंने ये भी कहा कि दो-दो शिवसेना, दो-दो एनसीपी हैं. इन दोनों पार्टियों के एक-एक गुट सत्ता में हैं और एक-एक गुट विपक्ष में हैं. इससे लोग भ्रमित हैं. महाराष्ट्र की जनता परिवर्ततन के लिए बेचैन है.

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नए गठबंधन से किसे होगा फायदा?

परिवर्तन महाशक्ति के गठन ने महायुति और एमवीए, दोनों ही गठबंधनों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस गठबंधन को अगर मनोज जरांगे पाटिल भी समर्थन दे देते हैं, प्रकाश आंबेडकर की पार्टी शामिल हो जाती है तो यह विपक्षी एमवीए के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है. हालिया लोकसभा चुनाव नतीजे देखें तो मराठवाड़ा रीजन की 46 विधानसभा सीटों में से 31 सीटों पर एमवीए की पार्टियों के उम्मीदवार आगे रहे थे. वहीं, किसान नेता राजू शेट्टी का प्रभाव पश्चिम महाराष्ट्र में अधिक है.

पश्चिम महाराष्ट्र की बात करें तो हालिया लोकसभा चुनाव में एमवीए और महायुति, दोनों ही गठबंधनों के बीच कांटे की लड़ाई देखने को मिली थी. पश्चिम महाराष्ट्र में 70 विधानसभा सीटें हैं और एमवीए के उम्मीदवार इनमें से 35 सीटों पर आगे रहे थे. महायुति के उम्मीदवार भी 30 सीटों पर बढ़त बनाने में सफल रहे थे. विदर्भ रीजन की सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी की फाइट को ही निर्णायक माना जाता है लेकिन परिवर्तन महाशक्ति की एंट्री से सरकार से नाराज एकमुश्त वोट की उम्मीद लगाए एमवीए की टेंशन बढ़ गई है.

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