
उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर बुधवार को उपचुनाव में कुल 3.70 लाख मतदाताओं में से 65 प्रतिशत से अधिक ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो 2022 के विधानसभा चुनावों में दर्ज किए गए मतदान से अधिक है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अधिकारियों पर 'फर्जी मतदान' और धांधली का आरोप लगाया. हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि सभी मतदान केंद्रों पर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है.
चुनाव आयोग के मुताबिक, मतदान पूरा होने तक 65.35 फीसदी वोट पड़े. सभी 414 मतदान केंद्रों से डेटा एकत्र होने के बाद अंतिम मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है. मतदान 2022 के विधानसभा चुनावों से भी अधिक है, जब वोटिंग प्रतिशत 60.23 था.
अखिलेश यादव ने लगाया फर्जी वोटिंग का आरोप
मिल्कीपुर उपचुनाव समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है क्योंकि यह सीट राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अयोध्या जिले का हिस्सा है. सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी निर्वाचन क्षेत्र में 'फर्जी मतदान का लक्ष्य पूरा कर रहे हैं'. उन्होंने चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट से 'लोकतंत्र के दुश्मनों' पर संज्ञान लेने की अपील की.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक कथित स्टिंग का ऑडियो क्लिप पोस्ट किया और कहा, 'यह पीठासीन अधिकारियों की सच्चाई का एक स्टिंग ऑपरेशन है जो सत्तारूढ़ दल के लिए फर्जी वोटिंग का लक्ष्य पूरा कर रहे हैं.' अखिलेश ने आरोप लगाया कि पुलिस मतदाताओं में 'डर पैदा करने' के लिए उनके पहचान पत्रों की जांच कर रही है.
एसएसपी ने खारिज किए आरोप
हालांकि, अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करण नैय्यर ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. एसएसपी ने इस बात पर जोर दिया गया कि कानून प्रवर्तन अधिकारी मतदाताओं के पहचान दस्तावेजों का कोई सत्यापन नहीं कर रहे हैं. पत्रकारों से बात करते हुए समाजवादी पार्टी के नेता और फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद ने आरोप लगाया कि बीजेपी मतदान को प्रभावित करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाकर चुनाव जीतना चाहती है.