
चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस क्रम में नेशनल फॉन्फ्रेंस ने मंगलवार को अपने घोषणापत्र का ऐलान किया, जिसमें 12 गारंटी दी गई हैं. इनमें अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा तथा वर्ष 2000 में तत्कालीन विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव का क्रियान्वयन शामिल है. बीजेपी ने एनसी के घोषणा पत्र को राष्ट्रविरोधी बताया है.
दरअसल, जून 2000 में फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार ने विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर राज्य में 1953 से पहले की संवैधानिक स्थिति को बहाल करने की मांग की थी. हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने इसे खारिज कर दिया था. वहीं नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था तथा पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था.
आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एनसी के घोषणापत्र में सभी राजनीतिक कैदियों के लिए माफी तथा कश्मीरी पंडितों की घाटी में सम्मानजनक वापसी का भी वादा किया गया है. पार्टी ने अपने चुनावी दस्तावेज में 200 यूनिट मुफ्त बिजली, बिजली और पानी के संकट से राहत, जम्मू-कश्मीर को पनबिजली परियोजनाओं का हस्तांतरण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को हर साल 12 एलपीजी सिलेंडर मुफ्त देने जैसे वादे किए हैं.
पीटीआई के मुताबिक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणापत्र जारी करते हुए, एनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी केवल वही वादे कर रही है, जिन्हें वह पूरा कर सकती है. उन्होंने घोषणापत्र को एनसी का विजन डॉक्यूमेंट और शासन का रोडमैप बताया. घोषणापत्र में 12 व्यापक वादे किए गए हैं, जिनमें 2000 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए प्रयास करना शामिल है.
एनसी के चुनावी दस्तावेज में कहा गया है, "हम (अनुच्छेद) 370-35ए को बहाल करने और 5 अगस्त, 2019 से पहले की स्थिति में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रयास करते हैं." अंतरिम अवधि में, "हम जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर सरकार के कामकाज के नियम, 2019 को फिर से तैयार करने का प्रयास करेंगे."
जेलों में बंद कैदियों की रिहाई का भी वादा
घोषणापत्र में वादा किया गया है कि जम्मू और कश्मीर विधानसभा, चुनाव के बाद अपने कामकाज की पहली सूची में, क्षेत्र के राज्य के दर्जे और विशेष दर्जे को छीनने के केंद्र के फैसले के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करेगी. वह 5 अगस्त, 2019 के बाद के उन कानूनों को संशोधित, रद्द और निरस्त करने का प्रयास करेगी, जो जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को प्रभावित करते हैं. पार्टी ने जम्मू और कश्मीर के लोगों के भूमि और रोजगार के अधिकारों की रक्षा करने, भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को प्रोत्साहित करने और जेलों में बंद कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करने का भी वादा किया.
युवाओं और महिलाओं के लिए भी घोषणा
घोषणापत्र में सरलीकृत नौकरी सत्यापन प्रक्रिया, कर्मचारियों की "अन्यायपूर्ण" बर्खास्तगी को संबोधित करना और राजमार्गों पर लोगों के उत्पीड़न को समाप्त करना भी शामिल है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सत्ता में आने के 180 दिनों के भीतर युवाओं को एक व्यापक नौकरी पैकेज, एक लाख नौकरियां और सरकारी विभागों में सभी रिक्तियों को भरने का वादा किया. पार्टी द्वारा घोषित एक अन्य गारंटी में सामाजिक कल्याण और समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से संबंधित परिवार की महिला मुखियाओं को 5,000 रुपये प्रति माह प्रदान करने का लक्ष्य है.
इसके साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने, हर महीने प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम चावल/आटा प्रदान करने और अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की दिशा में काम करने का भी वादा किया. घोषणापत्र में कहा गया है कि पार्टी नशीली दवाओं के खतरे को खत्म करने के लिए अपनी वाडा (ड्रग एब्यूज के खिलाफ युद्ध) रिपोर्ट को लागू करेगी.
बीमार लोगों को मुफ्त मेडिकल बीमा की गारंटी
पार्टी ने कहा कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार बनाती है तो वह कृषि और बागवानी क्षेत्रों को मजबूत करेगी, मजबूत स्वास्थ्य ढांचा तैयार करेगी और हृदय और किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत वाले लोगों और कैंसर जैसी घातक बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए 5 लाख रुपये प्रति वर्ष मुफ्त बीमा के साथ एक मेडिकल ट्रस्ट स्थापित करेगी.
चुनाव दस्तावेज में पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने और पीर पंजाल, चिनाब और अन्य क्षेत्रों सहित जम्मू और कश्मीर में नए पर्यटन स्थलों की खोज करने का वादा किया गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विश्वविद्यालय स्तर तक मुफ्त शिक्षा और शिक्षा क्षेत्र के लिए एक मजबूत योजना तैयार करने का वादा किया. इसने श्रीनगर और जम्मू शहरों के व्यापक विस्तार का भी वादा किया.
बीजेपी ने साधा निशाना
बीजेपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणा पत्र को राष्ट्रविरोधी बताया. जम्मू से भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा और जम्मू-कश्मीर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि एनसी का घोषणापत्र राष्ट्र विरोधी और अलगाववादियों का समर्थक है. नेशनल कॉन्फ्रेंस पत्थरबाजी और विरोध प्रदर्शनों के काले दिनों की वापसी चाहती है.
एनसी जम्मू-कश्मीर के लोगों को बेवकूफ बना रही है.
तीन चरणों में होने हैं चुनाव
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे. नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था.
(सुनील भट्ट के इनपुट के साथ)