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बाटला हाउस एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मी को मिले कितने वोट? अरविंद केजरीवाल को दे रहे हैं टक्कर

चुनाव प्रचार के दौरान वर्दी में रहने वाले निर्दलीय उम्मीदवार पंकज शर्मा ने कहा कि मैंने 22 साल पहले नौकरी ज्वाइन की थी और 2004 से 2011 तक स्पेशल सेल में रहा. उन्होंने कहा कि 2008 में दिल्ली पुलिस की जिस टीम ने बाटला हाउस एनकाउंटर में आतंकियों से लोहा लिया था उसमें वे भी शामिल थे. 

नई दिल्ली सीट से पंकज शर्मा हैं मैदान में. नई दिल्ली सीट से पंकज शर्मा हैं मैदान में.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 3:15 PM IST

नई दिल्ली सीट पर एक ऐसा भी कैंडिडेट हैं जिन्होंने सबका ध्यान खींचा है. ये कैंडिडेट हैं दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल पंकज शर्मा. 

खुद पुलिस विभाग में नौकरी कर रहे पंकज शर्मा दिल्ली की कथित तौर पर बिगड़ती कानून व्यवस्था को मु्द्दा बनाकर चुनाव में उतरे हैं. 

40 साल के पंकज शर्मा दिल्ली के चर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर में शामिल थे. हालांकि पंकज शर्मा को अभी दिल्ली पुलिस ने सस्पेंड कर दिया है. पंकज शर्मा पर नौकरी में रहते हुए चुनाव लड़ने का आरोप है. जो नियमों के खिलाफ है. हांलाकि दिल्ली पुलिस ने फिलहाल पंकज शर्मा को सस्पेंड कर दिया है. 

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पुलिस उपायुक्त (छठी बटालियन) हरेश्वर स्वामी ने बताया कि शर्मा को 29 जनवरी को आचरण सेवा नियमों के उल्लंघन के लिए निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने बताया, "जैसे ही हमें सूचना मिली कि वह पुलिस बल में रहते हुए चुनाव लड़ रहे हैं, हमने उन्हें 29 जनवरी को निलंबित कर दिया."


डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने कहा कि उन्होंने इस फैसले की जानकारी चुनाव आयोग को भी दे दी है. 

8 फरवरी को मतगणना के दौरान आजतक से बात करते हुए पंकज शर्मा ने कहा कि दिल्ली में बढ़ता अपराध दिल्ली की 3 करोड़ जनता की मुख्य समस्या है. मैं अपराध को काबू करने के लिए बेहतरीन विकल्प दे सकता हूं. मैं एक पुलिसकर्मी होने से पहले दिल्ली का एक नागरिक हूं.

यहां देखें नई दिल्ली सीट के नतीजे Live

नौकरी करते हुए चुनाव लड़ने के सवाल पर पंकज शर्मा ने कहा कि 2023 में इस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट में फैसला दिया है. इस केस में एक सरकारी डॉक्टर चुनाव लड़ रहे थे. अदालत ने कहा था कि अगर वे जीत गए तो विधानसभा जाएंगे और हार गए तो ड्यूटी पर वापस आ जाएंगे. 

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दिल्ली पुलिस के अनुसार, शर्मा ने हलफनामा दाखिल करते समय चुनाव आयोग को गलत जानकारी दी थी. अपने हलफनामे में उन्होंने 'पेशे' वाले कॉलम में 'सामाजिक कार्यकर्ता' लिखा था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए गलत जानकारी क्यों दी, तो शर्मा ने कहा कि एक सरकारी कर्मचारी भी सामाजिक कार्यकर्ता हो सकता है. उन्होंने कहा, "मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. क्या कोई सरकारी कर्मचारी सामाजिक कार्यकर्ता नहीं हो सकता? मेरे पास राजस्थान उच्च न्यायालय का एक आदेश है, जिसमें कोर्ट ने एक सरकारी डॉक्टर को 2023 में चुनाव लड़ने की अनुमति दी है."

चुनाव प्रचार के दौरान वर्दी में रहने वाले पंकज शर्मा ने कहा कि मैंने 22 साल पहले नौकरी ज्वाइन की थी और 2004 से 2011 तक स्पेशल सेल में रहा. उन्होंने कहा कि 2008 में दिल्ली पुलिस की जिस टीम ने बाटला हाउस एनकाउंटर में आतंकियों से लोहा लिया था उसमें वे भी शामिल थे. 

नई दिल्ली सीट के नतीजे

चुनाव आयोग के मुताबिक नई दिल्ली सीट से 23 कैंडिडेट मैदान में हैं. इस सीट पर बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है. उन्होंने अरविंद केजरीवाल को हरा दिया है. यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पंकज शर्मा को मात्र 9 वोट मिले हैं. 
 

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