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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का विपक्ष पर हमला, बोले- BJP को नहीं चाहिए 'प्रॉक्सी', अकेले जीतने में सक्षम

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया कि निर्दलीय सांसद इंजीनियर राशिद बीजेपी के 'प्रॉक्सी' हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी को चुनाव जीतने के लिए प्रॉक्सी की जरूरत नहीं है और विपक्ष की बातें उनकी कमजोरी का संकेत हैं.

जितेंद्र सिंह ने कहा कि बीजेपी खुद चुनाव जीतने में सक्षम है. जितेंद्र सिंह ने कहा कि बीजेपी खुद चुनाव जीतने में सक्षम है.
aajtak.in
  • श्रीनगर,
  • 12 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:32 PM IST

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने विपक्ष के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि निर्दलीय सांसद इंजीनियर राशिद भाजपा के 'प्रॉक्सी' हैं. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा को चुनाव जीतने के लिए किसी 'क्लच' की जरूरत नहीं है. श्रीनगर के प्रसिद्ध डल लेक के किनारे 'पंचायत आजतक' कार्यक्रम में बोलते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा, 'एक भाजपा कार्यकर्ता के रूप में मुझे इस बात की खुशी है क्योंकि इसका मतलब है कि विपक्ष ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. ऐसे बयान कमजोर स्थिति में दिए जाते हैं, मजबूत स्थिति में नहीं.'

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मंत्री का यह बयान दिल्ली के तिहाड़ जेल से इंजीनियर राशिद की रिहाई के एक दिन बाद आया है. नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने आरोप लगाया था कि बारामुला लोकसभा सीट से निर्दलीय सांसद राशिद को बीजेपी-नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में विपक्ष के वोटों को काटने के लिए रिहा किया है.

हालांकि, जेल से बाहर आने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में इंजीनियर राशिद ने बीजेपी के प्रॉक्सी होने के आरोपों को खारिज किया. उन्होंने कहा, 'कैसे एक ऐसा आदमी जो बीजेपी की राजनीति का शिकार रहा है, वह बीजेपी का प्रॉक्सी हो सकता है?'

जितेंद्र सिंह ने जोर देते हुए कहा कि बीजेपी खुद चुनाव जीतने में सक्षम है और उसे प्रॉक्सी की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, 'जब वे (विपक्ष) देख रहे हैं कि वे हार रहे हैं, तो वे प्रॉक्सी, बी-टीम और अन्य बातें कर रहे हैं. हमें प्रॉक्सी की आवश्यकता नहीं है. 'क्लच' उन लोगों को चाहिए जो खुद जीतने में सक्षम नहीं हैं.'

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गठबंधन के बारे में बात करते हुए, जितेंद्र सिंह ने कहा कि बीजेपी के लिए विचारधारा महत्वपूर्ण है. उन्होंने बताया कि 2018 में PDP के साथ गठबंधन से बीजेपी ने स्वेच्छा से बाहर आई. उन्होंने कहा, 'हमने महसूस किया कि हम अपनी विचारधारा के आधार पर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर काम नहीं कर पा रहे थे, इसलिए हमने गठबंधन से बाहर आने का निर्णय लिया.'

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