
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर सहयोगी पार्टी आरपीआई-ए के प्रमुख रामदास अठावले की प्लानिंग से एक बार फिर बीजेपी की सिरदर्दी बढ़ सकती है. अठावले ने चुनाव को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है और एक बयान में कहा है कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कम से कम 10 से 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है.
आरपीआई-ए प्रमुख अठावले ने बताया कि उनकी पार्टी अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेगी और विदर्भ क्षेत्र में 3-4 सीटों की मांग करेगी, जिसमें उत्तर नागपुर, उमरेड (नागपुर), उमरखेड (यवतमाल) और वाशिम के क्षेत्र शामिल हैं. बीजेपी सीट शेयरिंग को लेकर पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रही है, जहां पार्टी की सहयोगी शिवसेना और एनसीपी की सीट बंटवारे पर अपनी-अपनी इच्छाएं और मांगें हैं.
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बीजेपी के लिए पैदा हो सकती है दोहरी समस्या
महायुति गठबंधन में बीजेपी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना और अजीत पवार की पार्टी एनसीपी शामिल है और आरपीआई-ए भी इसका हिस्सा है. रामदास अठावले की पार्टी केंद्र में भी बीजेपी की सहयोगी है और ऐसे में बीजेपी के लिए दोहरी समस्या है, जहां पार्टी अकेले अच्छे-खासे सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना रखा है.
10-12 सीटों की अठावले को उम्मीद
अठावले ने बताया, "हमने 18 संभावित सीटों की लिस्ट बनाई है, जो हम महायुति के साथियों के साथ साझा करेंगे, और हमें उम्मीद है कि हमें कम से कम 10 से 12 सीटें मिलेंगी. अठावले ने बीजेपी-शिवसेना और एनसीपी से अपनी पार्टी के लिए चार-चार सीटें उनके कोटे से देने की मांग की है. उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के महायुति सरकार में शामिल हो जाने के कारण RPI (A) को राज्य में कोई मंत्री पद नहीं मिला, जबकि उन्हें पहले वादा किया गया था.
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महाराष्ट्र विधानसभा में समीकरण
अठावले ने राज्य मंत्रिमंडल में स्थान, दो निगमों की अध्यक्षता और जिला-स्तरीय समितियों में भूमिकाएं देने का वादा किया गया था, लेकिन अजीत पवार की एंट्री से उनकी पार्टी इन पदों से महरूम रह गई. वर्तमान विधानसभा में बीजेपी के 103 विधायक हैं, शिवसेना के 40, एनसीपी के 41, कांग्रेस के 40, शिवसेना (UBT) के 15, एनसीपी (शरद पवार) के 13 और अन्य 29 हैं और कुछ सीटें अभी खली हैं.