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संदीप दीक्षित ने शीला की हार का बदला केजरीवाल से ले लिया है! 2013 की याद दिला गए नई दिल्ली सीट के नतीजे

दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित नई दिल्ली सीट पर कुछ खास तो नहीं कर पाए लेकिन उन्होंने केजरीवाल की हार को जरूर तय कर दिया. आंकड़े ऐसा ही कहते हैं. ये चुनाव संदीप दीक्षित के लिए फैमिली बैटल बन गया था. यहां से उनकी मां शीला दीक्षित की हार की यादें जुड़ी हुईं थी.

नई दिल्ली सीट पर हारे केजरीवाल (फोटो- आजतक) नई दिल्ली सीट पर हारे केजरीवाल (फोटो- आजतक)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:19 PM IST

चुनावी नतीजों का रोमांच कुछ उन आंकड़ों में छिपे होते हैं जो राजनीति की मजेदार कहानियां कह जाते हैं. बात नई दिल्ली सीट की. एक लाइन में कहें तो इस सीट की जो सबसे बड़ी बात है वो यह है कि इस सीट से अरविंद केजरीवाल चुनाव हार गए हैं. इस सीट से बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने जीत हासिल की है. दूसरे नंबर पर केजरीवाल रहे और तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के संदीप दीक्षित.

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लेकिन इस सीट का जो मजेदार फैक्ट है वो यह है कि इस सीट पर अरविंद केजरीवाल जितने वाटों से हारे हैं लगभग उतना ही वोट संदीप दीक्षित को मिला है. इस तरह से संदीप दीक्षित ने अरविंद केजरीवाल से अपना एक पुराना हिसाब बराबर कर लिया है.

नई दिल्ली के इस नतीजे के साथ ही संदीप दीक्षित ने 2013 के विधानसभा चुनाव में केजरीवाल द्वारा शीला दीक्षित को हराने का बदला ले लिया है.

आप पहले नई दिल्ली विधानसभा सीट पर इन तीन उम्मीदवारों को मिले वोटों का पैटर्न समझिए. 

 

टॉप थ्री उम्मीदवार कुल वोट मार्जिन
प्रवेश वर्मा (BJP) 30088 +4089
अरविंद केजरीवाल (AAP) 25999 -4089
संदीप दीक्षित (CONG) 4568 -25520

इस सीट पर विजयी रहे बीजेपी के प्रवेश सिंह वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को 4089 वोटों से हराया. तीसरे नंबर पर रहे संदीप दीक्षित को कुल 4568 वोट मिले. 

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इस तरह से केजरीवाल बीजेपी के प्रवेश वर्मा से उतने ही वोटों से हारे जितने वोट लगभग संदीप दीक्षित को मिले. 

इसे ऐसे भी कहा जा सकता है कि अगर इस सीट पर संदीप दीक्षित न होते तो हो सकता है कि इस सीट के नतीजे कुछ और हो सकते थे. 

शीला और केजरीवाल के टक्कर की कहानी 

याद कीजिए 2013 का विधानसभा चुनाव. 2012 में अन्ना आंदोलन के बाद अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी बनाई और वे दिल्ली चुनाव में कूद पड़े. लोकप्रियता के शिखर पर सवाल केजरीवाल तब कांग्रेस के नेताओं को नाम ले-लेकर टारगेट करते थे. उन्होंने शीला दीक्षित पर प्रशासनिक विफलता और घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया. 

तब केजरीवाल कहते थे कि करप्शन के लिए शीला दीक्षित को जेल भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर करप्शन को लेकर जोरदार हमला किया. 

जब 2013 का चुनाव आया तो अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को सीधी टक्कर दी और वे उसी सीट से चुनाव लड़ने के लिए उतरे जहां से शीला दीक्षित पिछले तीन बार से चुनाव जीत रही थीं. शीला दीक्षित 1998, 2003 और 2008 में नई दिल्ली सीट से चुनाव जीत चुकी थीं. 

2013 में इस सीट पर अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को कड़ी टक्कर दी और उन्हें 25 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. राजनीति में नए-नवेले अरविंद केजरीवाल द्वारा तीन बार की सीएम शीला दीक्षित को शिकस्त देना राजनीति की बड़ी घटना थी. 

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आज 11 साल बाद नई दिल्ली सीट की चुनावी राजनीति का एक चक्र पूरा हो गया है. शीला की तरह अरविंद केजरीवाल भी 11 साल में इस सीट से तीन बार चुनाव जीते, लेकिन जीत का चौका लगाने में सफल नहीं रहे. 2025 की विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की हार में शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित एक अहम फैक्टर रहे. 
 

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