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'14 बार चुनाव लड़ चुका हूं और कितनी बार लड़ूंगा', महाराष्ट्र चुनाव से पहले शरद पवार ने दिए रिटायरमेंट के संकेत

नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (SP) के चीफ शरद पवार क्या जल्द ही राजनीति से संन्यास लेने जा रहे हैं. यह सवाल इसलिए खड़ा हो गया है, क्योंकि महाराष्ट्र चुनाव से ठीक पहले पवार ने रिटायरमेंट के संकेत दिये हैं. उन्होंने कहा है कि वह 14 बार चुनाव लड़ चुके हैं और कितनी बार लड़ेंगे.

Sharad Pawar (File Photo) Sharad Pawar (File Photo)
अभिजीत करंडे
  • मुंबई,
  • 05 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:02 PM IST

महाराष्ट्र चुनाव से पहले नशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) चीफ शरद पवार ने रिटायरमेंट के संकेत दिये हैं. उन्होंने कहा है कि वह 14 बार चुनाव लड़ चुके हैं और कितनी बार चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा है कि कहीं जाकर तो उन्हें रुकना ही पड़ेगा.

शरद पवार ने कहा,'मैं सत्ता में नहीं हूं. राज्यसभा में जरूर हूं. अभी और डेढ़ साल बाकी हैं. लेकिन इस 1.5 साल के बाद अब राज्यसभा में जाना है या नहीं इसका विचार करना पड़ेगा. मैं लोकसभा तो नहीं लड़ूंगा. कोई भी इलेक्शन नहीं लड़ूंगा. कितनी बार चुनाव लड़ेंगे?'

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'लोगों की सेवा और काम करता रहूंगा'

एनसीपी प्रमुख ने आगे कहा,'अब तक 14 बार लड़ चुका हूं और आप लोगों ने एक बार भी मुझे घर नहीं भेजा. हर बार चुनकर दिया. इसलिए कहीं तो रुकना पड़ेगा. नई पीढ़ी को सामने लाना पड़ेगा. यह सूत्र लेकर मैं काम पर लगा हूं. इसका अर्थ मैंने समाजकारण नहीं छोड़ा है. लेकिन सत्ता नहीं चाहिए. लोगों की सेवा और काम करता रहूंगा.'

बेटी को लेकर दिया था बयान

बता दें कि हाल ही में शरद पवार ने कहा था कि उन्होंने बहुत से लोगों को काफी कुछ दिया, लेकिन अपनी बेटी को कोई पद नहीं दिया. शरद पवार ने कहा था,'मैं कोर्ट में पेश हुआ, कोर्ट ने उन्हें (अजित गुट) पार्टी और साइन देने का फैसला किया. हमारी पार्टी चुराई गयी, सिंबल चुराया गया. मैं यह देखूंगा कि परिवार एक रहे, यही मेरा स्वभाव है. मुझे कई पद देने का अधिकार था, बहुतों को दिया भी, उपमुख्यमंत्री भी बनाया, लेकिन सुप्रिया को कोई पद नहीं दिया. उसने कभी पूछा भी नहीं. अपनी ही बेटी को कोई पद नहीं दिया.'

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महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होगी वोटिंग

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होने हैं, जबकि सभी 288 सीटों पर मतगणना 23 नवंबर को होगी. बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं. जबकि 2014 में भाजपा ने 122 सीटें, शिवसेना ने 63 और कांग्रेस ने 42 सीटें हासिल की थीं.

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