
अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की के रुझान अब नतीजों में तब्दील हो रहे हैं और बीजेपी एक बार फिर प्रचंड जीत के साथ यहां सरकार बना रही है. बीजेपी ने मुख्यमंत्री पेमा खांडू के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और शानदार तरीके से चुनाव लड़ा. पेमा खांडू अपनी सीट से पहले ही निर्विरोध चुनाव जीत चुके थे.
2019 में बीजेपी ने जहां 41 सीटों पर जीत हासिल की थी उसमें बीजेपी ने इस बार 5 सीटें और ज्यादा हासिल करती हुई नजर आ रही है, यानि सीटों का आंकड़ा 47 तक पहुंच रहा है. कभी कांग्रेसी रहे खांडू ने पहली बार 2016 में मुख्यमंत्री का पद संभाला था और फिर 2019 में अपने नेतृत्व में बीजेपी को शानदार जीत दिलाई और अब तीसरी बार सीएम पद की कमान संभालेंगे.
21 अगस्त 1979 को पैदा हुए खांडू को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता दोरजी खांडू भी राज्य के सीएम रह चुके हैं जिनकी तवांग के निर्वाचन क्षेत्र के दौरे पर 30 अप्रैल 2011 को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. चीन की सीमा से सटे तवांग जिले के ग्यांगखर गांव से ताल्लुक रखने वाले पेमा खांडू मोनपा जनजाति से आते हैं.
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डीयू से ग्रेजुएट हैं पेमा खांडू
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन करने वाले खांडू सन 2000 में कांग्रेस में शामिल हुए. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस में जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक विभिन्न पदों पर कार कार्य किया. पहली बार 30 जून 2011 को मुक्तो निर्वाचन क्षेत्र से निर्विरोध विधायक चुने गए. इस सीट से पहले उनके पिता विधायक थे. इसके बाद पेमा खांडू को अरुणाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल में शामिल किया. 2014 में उन्होंने राज्य के पर्यटन और जल संसाधन मंत्री के रूप में भी काम किया.
फुटबॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन और वॉलीबॉल जैसे खेलों में दिलचस्पी रखने वाले खांडू ने राजनीति में आने के बाद से खेलों को बढ़ावा देने के लिए खूब प्रयास किए. 2014 में उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी के नेतृत्व वाली सरकार में शहरी विकास मंत्री नियुक्त किया गया. हालांकि, अक्टूबर में, उन्होंने असंतुष्ट नेता कलिखो पुल का साथ देते हुए मंत्री पद छोड़ दिया.
जब कर दी कांग्रेस से बगावत
खांडू ने बागी रूख अपनाते हुए कांग्रेस को लिखे अपने त्यागपत्र में कहा था: "आपके (तुकी) नेतृत्व वाली सरकार राज्य की आम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने में बुरी तरह विफल रही है. पार्टी विधायकों के भीतर न तो लोकतंत्र है और न ही राजनीतिक स्थिरता, जिसके कारण राज्य में शासन अपने सबसे निचले स्तर पर है." इसके कारण तुकी के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा.
16 जुलाई 2016 को पेमा खांडू को नबाम तुकी की जगह कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया. खांडू ने 17 जुलाई 2016 को 37 साल की उम्र में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए. लेकिन दो महीने के अंदर ही उन्होंने बगावत कर दी है 16 सितंबर 2016 को, सीएम पेमा खांडू के नेतृत्व में सत्तारूढ़ दल के 43 विधायक कांग्रेस पार्टी से बगावत करते हुए भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पीपुल्स पार्टी ऑफ (पीपीपी) में शामिल हो गए और बीजेपी के साथ सरकार बना ली. सरकार संकट में दिखने लगी लेकिन खांडू ने बहुमत साबित कर दिया.
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तीसरी बार बनेंगे सीएम
बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए. गेगोंग अपांग के बाद अरुणाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के दूसरे मुख्यमंत्री बन गए. इसके बाद 2019 में राज्य विधानसभा में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की और पेमा खांडू के नेतृत्व में अरुणाचल प्रदेश में सरकार बनाई. अब 2024 में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद खांडू तीसरी बार राज्य की कमान संभालेंगे.