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बांग्लादेश सीमा से सटे मालदा से ही योगी क्यों कर रहे बंगाल चुनाव प्रचार की शुरुआत?

मालदा के गाजोल इलाके में योगी आदित्यनाथ मंगलवार को एक जनसभा को संबोधित करेंगे. जनसभा से पहले सीएम योगी बीजेपी की परिवर्तन यात्रा के साथ रोड शो भी करेंगे.

सीएम योगी पश्चिम बंगाल में कल रैली करेंगे.(फाइल फोटो) सीएम योगी पश्चिम बंगाल में कल रैली करेंगे.(फाइल फोटो)
अनुपम मिश्रा
  • कोलकाता,
  • 01 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST
  • मालदा से सीएम योगी करेंगे चुनाव प्रचार की शुरुआत
  • परिवर्तन यात्रा के साथ रोड शो भी करेंगे सीएम योगी
  • योगी की हिंदूवादी छवि का फायदा उठा सकती है पार्टी

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है. इस बार बंगाल में 8 चरणों में चुनाव हो रहे हैं. सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है. टीएमसी और बीजेपी में सियासी खींचतान और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चरम पर है.

इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बंगाल में चुनाव प्रचार की शुरुआत मालदा से करने जा रहे हैं. मालदा के गाजोल इलाके में योगी आदित्यनाथ मंगलवार को एक जनसभा को संबोधित करेंगे. जनसभा से पहले सीएम योगी बीजेपी की परिवर्तन यात्रा के साथ रोड शो भी करेंगे.

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'योगी की हिंदूवादी छवि का फायदा उठा सकती है पार्टी'

आपको बता दें कि इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में भी योगी के चुनाव प्रचार की शुरुआत के लिए मालदा को चुना गया था. लेकिन उस दौरान प्रशासन ने योगी की रैली को अनुमति नहीं दी थी. योगी की रैली की शुरुआत मालदा से ही क्यों हो रही है इस पर बीजेपी महासचिव सायंतन बसु का कहना है कि योगी आदित्यनाथ की हिंदूवादी और कठोर प्रशासक की छवि का पार्टी मालदा में भरपूर फायदा उठा सकती है.

बता दें कि सायंतन इस वक्त उत्तर बंगाल में बीजेपी नेताओं की चुनावी रैलियों का कामकाज देख रहे हैं. सायंतन के मुताबिक मालदा में कालियाचक थाने पर 2016 में हमला हुआ था और इसे जला दिया गया था. यहां घुसपैठ की समस्या भी है और रिफ्यूजी समस्या भी है.

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इस वजह से मालदा से शुरुआत कर रहे हैं सीएम योगी

2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने मालदा उत्तर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी. जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने वैष्णवनगर पर जीत दर्ज की थी. जबकि 2019 में हुए उपचुनाव में हबीबपुर सीट बीजेपी के खाते में आ गई थी. बीजेपी नेताओं की मानें तो हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की वजह से ही बीजेपी को यहां जीत मिली थी. ऐसे में योगी आदित्यनाथ के लिए चुनाव प्रचार का बेहतरीन प्लेटफॉर्म मालदा ही है.

दरअसल, मालदा बंगाल के ऐसे जिलों में से एक है जहां मुस्लिम वोटर्स की संख्या 50 प्रतिशत के आसपास है. बांग्लादेश सीमा से सटा मालदा जिला जाली नोट के कारोबार के लिए भी कुख्यात है. अवैध हथियारों की तस्करी भी यहां एक बड़ी समस्या है. ऐसे में योगी के चुनाव प्रचार की शुरुआत के पीछे साफ तौर पर बीजेपी की वह रणनीति काम कर रही है जहां बीजेपी को लगता है कि मालदा में योगी हिंदू मतों को प्रभावित कर बीजेपी की ओर मोड़ने में सक्षम हैं.

अंतिम दो चरणों में होने हैं मालदा जिले में चुनाव

मालदा जिले में 12 विधानसभा सीटें आती हैं. चुनाव आयोग ने मालदा में मतदान के लिए अंतिम दो चरणों में जगह दी है. यानि मालदा के वोटर्स 26 और 29 अप्रैल को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.

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टीएमसी को पिछले चुनावों में नहीं मिली थी कोई सीट

इस जिले में पिछली बार तृणमूल कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था. सबसे ज्यादा 8 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी. मालदा जिले की चंचल, हरिश्चंद्रपुर, मालतीपुर, मालदा, माणिकचक, मोथाबाड़ी, रतुआ और शुजापुर विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में गई थी. इसके अलावा गजोल सीट से सीपीएम का उम्मीदवार जीता था. जबकि इंग्लिश बाजार सीट से निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी. 2016 के चुनावों में वैष्णवनगर सीट बीजेपी के खाते में गई थी. वहीं दूसरी ओर हबीबपुर सीट पर चुनावों में तो सीपीएम ने कब्जा जमाया था लेकिन 2019 में हुए उपचुनावों में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई थी.

 

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