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जहां BJP के नेता कर रहे थे मीटिंग वहीं डिनर करने पहुंचे TMC नेता, अटकलों पर बोले- दीदी के साथ ही हूं

बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं में हलचल जारी है. बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच टीएमसी नेता जितेंद्र तिवारी ने सोशल मीडिया पर सफाई दी है.

 तृणमूल कांग्रेस के नेता जितेंद्र तिवारी तृणमूल कांग्रेस के नेता जितेंद्र तिवारी
मनोज्ञा लोइवाल
  • कोलकाता,
  • 29 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:41 PM IST
  • टीएमसी नेता जितेंद्र तिवारी की सफाई
  • दीदी के साथ ही हूं: जितेंद्र तिवारी

पश्चिम बंगाल की राजनीति में लगातार हलचल मच रही है. बीते दिनों तृणमूल कांग्रेस के विधायक जितेंद्र तिवारी के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन उन्होंने बाद में कहा कि वो टीएमसी के साथ ही रहेंगे. अब एक बार फिर कुछ अटकलों के बीच जितेंद्र तिवारी ने सफाई दी कि वो अगले 48 घंटे में टीएमसी के प्रचार में जुटने वाले हैं.

जितेंद्र तिवारी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह काफी पीड़ादायक है कि एक वर्ग मेरा संबंध बीजेपी से स्थापित करना चाह रहा है, जबकि यह झूठ है. मैं दीदी के साथ हूं, अगले 48 घंटे में दीदी के लिए सक्रिय रूप से कार्य करने के मैदान में उतर रहा हूं,  अपनी क्षमता के अनुसार पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्य करूंगा.

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It is very painful to see that a section is trying to link me with BJP which is false. I am with Didi and in next 48...

Posted by Jitendra Tiwari on Monday, 28 December 2020


दरअसल, जितेंद्र तिवारी के दोबारा बीजेपी के साथ जाने की अटकलें तब लगने लगीं जब उन्हें कोलकाता के बड़े होटल में देखा गया. उसी होटल में बीजेपी के बड़े नेताओं की बैठक चल रही थी, जिसमें कैलाश विजयवर्गीय, मुकुल रॉय जैसे नाम शामिल थे. ऐसे में जितेंद्र तिवारी का भी उसी होटल में होना, राजनीतिक गलियारों में एक नई चर्चा की शुरुआत कर गया.

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जब जितेंद्र तिवारी होटल से निकले तो मीडिया ने उनसे सवाल किया. जिसपर टीएमसी विधायक ने कहा कि  वह टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी से मिलकर लौटे हैं. काफी वक्त तक तनाव में रहने के बाद वो होटल में परिवार के साथ खाना खाने आए थे. जितेंद्र तिवारी बोले कि उनका लक्ष्य आसनसोल जिले में 9-0 से टीएमसी की जीत का है. 

आपको बता दें कि जितेंद्र तिवारी वही नेता हैं, जिनकी बीजेपी में जाने की अटकलें जोरों पर थीं. लेकिन बाबुल सुप्रियो समेत अन्य कई बीजेपी नेताओं ने उनकी एंट्री पर विरोध जताया, जिसके बाद जितेंद्र तिवारी का बीजेपी में आना नहीं हो सका. 

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