
पश्चिम बंगाल में चुनाव होने में लगभग 6 महीने का वक्त है, लेकिन माहौल अभी से बनने लगा है. तृणमूल कांग्रेस में अच्छी खासी पकड़ रखने वाले शुभेंदु अधिकारी ने आखिरकार बीते दिन विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, अब उनके भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ने का रास्ता साफ हो गया है. लंबे वक्त से वो TMC से अलग ही रास्ता अपनाए हुए थे, लेकिन अब खबर है कि शुभेंदु अपने साथ कुछ विधायक, सांसद को भी BJP का दामन थमवा सकते हैं.
सूत्रों की मानें, तो शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी सांसद सुनील मंडल से मुलाकात की. इस दौरान टीएमसी विधायक जितेंद्र तिवारी और अन्य कुछ नेता भी मौजूद रहे. बता दें कि सुनील मंडल ने बीते दिन पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे, इसके अलावा जितेंद्र तिवारी भी आंखें दिखा चुके हैं.
चुनाव से पहले टीएमसी में खफा होने वालों की लिस्ट हर रोज बढ़ती जा रही है. अभी तक आधा दर्जन से अधिक नेता पार्टी छोड़ चुके हैं या कुछ छोड़ने के संकेत दे रहे हैं. अगले साल चुनाव से पहले टीएमसी के सामने बीजेपी का सामना करने के साथ-साथ खुद के घर को बचाने की भी चुनौती है.
शुभेंदु अधिकारी के अलावा शीलभद्र दत्ता, जोतू लाहिरी, राजीव बनर्जी, जितेंद्र तिवारी समेत कई नेता-विधायक TMC नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं.
सिर्फ बड़े स्तर पर ही नहीं बल्कि अब जिला स्तर पर भी TMC के नेता पार्टी का साथ छोड़ने लगे हैं. कई जिलाध्यक्षों ने पद से इस्तीफा दिया, जिसके बाद ब्लॉक के कुछ नेताओं ने पार्टी में बात ना सुने जाने का आरोप लगाया. अभी तक माल्दा इलाके से सबसे अधिक इस्तीफे आए हैं, जहां की जिम्मेदारी शुभेंदु अधिकारी के पास थी.
एक ओर टीएमसी में आपसी कलह जारी है, तो दूसरी ओर बीजेपी की शिकायत के बाद आज चुनाव आयोग की टीम बंगाल पहुंच रही है. डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर सुदीप जैन दो दिन के बंगाल दौरे पर रहेंगे. गुरुवार को 15 जिलों के अधिकारियों के साथ उनकी बैठक है, जिसमें चीफ सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे. चुनाव से पहले तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग का दौरा अब हर कुछ दिन में होता रहेगा.
गौरतलब है कि बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में चुनाव आयोग से बंगाल की स्थिति को लेकर शिकायत की थी, राज्य में आचार संहिता लागू करने की अपील की गई थी.