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दिल्ली में आंदोलन के बीच बंगाल के किसानों से ‘चुनावी भिक्षा’ मांगेगी बीजेपी

बीजेपी की योजना है कि 9 जनवरी से लेकर 24 जनवरी तक पार्टी किसानों से चावल इकट्ठा करेगी. इसके लिए बीजेपी और इससे जुड़े संगठनों के नेता राज्य भर में घर-घर जाएंगे और किसान परिवारों से "भिक्षा" मांगेंगे.

9 जनवरी शुरू हो रहा है BJP का ‘एक मु​ट्ठी चावल’ कैंपेन (पीटीआई) 9 जनवरी शुरू हो रहा है BJP का ‘एक मु​ट्ठी चावल’ कैंपेन (पीटीआई)
राहुल श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:44 PM IST
  • 9 जनवरी से शुरू हो रहा है ‘एक मु​ट्ठी चावल’ कैंपेन
  • बीजेपी अध्यक्ष बंगाल के किसानों के बीच करेंगे लॉन्च
  • पूर्वी बर्धमान के कटवा क्षेत्र से शुरू होगा ये कैंपेन

ऐसे वक्त जब मोदी सरकार किसानों के जबरदस्त विरोध का सामना कर रही है, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पश्चिम बंगाल में किसानों के बीच “एक मुट्ठी चावल” नाम से एक कैंपेन लॉन्च करने की तैयारी में हैं. पश्चिम बंगाल तेजी से एक दिलचस्प चुनावी मुकाबले की ओर बढ़ रहा है. इस मौके पर बीजेपी राज्य के किसानों को अपने पाले में खींचने की तैयारी कर चुकी है और पार्टी अध्यक्ष नड्डा 9 जनवरी को राज्य के पूर्वी बर्धमान के कटवा क्षेत्र से ये कैंपेन लॉन्च करेंगे.

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इस अभियान के तहत नड्डा पूर्वी बर्धमान के एक सुदूर गांव में पांच किसान परिवारों से भिक्षा मांगेंगे. बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस अभियान के पीछे का विचार ये है कि “अन्नदाता” के साथ सीधा संबंध स्थापित किया जाए. इस दौरान नड्डा के एक किसान के घर भोजन करने और स्थानीय मंदिर जाने की भी संभावना है.

किसानों को आमंत्रण भेजा गया

इस अभियान इसलिए लॉन्च किया जा रहा है ​ताकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी के उस अभियान को नाकाम किया जा सके जिसके तहत मोदी सरकार को किसान विरोधी बताया जा रहा है. इस दिन नड्डा के नेतृत्व में कटवा क्षेत्र के जगदानंदपुर गांव में कृषक सुरक्षा ग्राम सभा आयोजित की जाएगी. इस आयोजन के लिए किसानों को आमंत्रण भेजा गया है.

बंगाल बीजेपी के नेताओं के अनुसार, नड्डा इस सभा में किसानों के कल्याण के लिए बीजेपी सरकार के प्रयासों को जनता के समक्ष रखेंगे. इसमें पीएम किसान सम्मान निधि और किसान बीमा योजना जैसी नीतियां शामिल हैं. इस कैंपेन के लॉन्च होने के वक्त बीजेपी के नेता 3000 से अधिक ग्राम सभाओं में मौजूद होंगे.

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सामुदायिक रसोई चलाने की योजना

बीजेपी की योजना है कि 9 जनवरी से लेकर 24 जनवरी तक पार्टी किसानों से चावल इकट्ठा करेगी. इसके लिए बीजेपी और इससे जुड़े संगठनों के नेता राज्य भर में घर-घर जाएंगे और किसान परिवारों से "भिक्षा" मांगेंगे. इस अभियान के दौरान जो भी अनाज इकट्ठा होगा, उससे किसानों और गरीबों के लिए सामुदायिक रसोई में भोजन तैयार किया जाएगा. पार्टी ने पूरे राज्य में 25-30 जनवरी के बीच सामुदायिक रसोई चलाने की योजना बनाई है.

टीएमसी प्रचारित कर रही है कि बीजेपी "अहंकारी और किसान विरोधी सरकार" है. बीजेपी इस अभियान की हवा निकालने की रणनीति पर काम कर रही है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि ये अभियान किसानों के प्रति बीजेपी का कृतज्ञता भाव प्रस्तुत करेगा.

दो खास वजहों से किसान चुनाव में सबसे अहम हो गए हैं- एक, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन और दूसरा, ममता बनर्जी का पीएम किसान सम्मान निधि योजना को लागू करने से इनकार करना, जिसके तहत किसानों को हर साल 6000 रुपये की मदद दी जाती है. ममता बनर्जी की पार्टी ने किसानों के विरोध-प्रदर्शन को एक बड़ा मुद्दा बनाया है तो वहीं बीजेपी राज्य सरकार से सवाल कर रही है कि ​वह बंगाल के किसानों को एक योजना का लाभ देने से क्यों इनकार कर रही है.

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सीएम ममता ने दिए संकेत

सोमवार को बीजेपी के तीखे हमलों के बाद ममता ने संकेत दिया है कि राज्य सरकार आखिरकार केंद्रीय योजनाओं को राज्य में लागू कर सकती है. ममता सरकार ने केंद्र सरकार को लिखा है कि वह उन किसानों की सूची केंद्र को मुहैया कराएगी जिन्होंने इस योजना के लिए नामांकन कराया है. 25 दिसंबर को (पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के दिन) पीएम मोदी ने 9 करोड़ किसानों के खाते में 18000 करोड़ जमा कराने को हरी झंडी दी और बंगाल सरकार से अपील की कि किसानों को इस योजना का लाभ उठाने दें. इसके बाद बंगाल सरकार में हड़कंप मच गया है.
 
केंद्र सरकार का कहना है कि पश्चिम बंगाल में करीब 70 लाख किसान हैं जो केंद्रीय योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. ये तब है जब करीब 23 लाख किसानों ने इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है. दिलचस्प बात ये है कि अब सबकी निगाहें नड्डा की बंगाल यात्रा पर होंगी क्योंकि उनकी पिछली बंगाल यात्रा के दौरान 10 दिसंबर को उनके ​काफिले पर हमला हुआ था. इस हमले के बाद केंद्र और राज्य सरकार के बीच संबंध और खराब हो गए हैं.

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