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नंदीग्राम की धरती से ममता की हुंकार- चुनाव के बाद देखूंगी जीभ में कितना जोर है...

बीजेपी के हिंदू कार्ड पर ममता बनर्जी ने कहा कि मैं भी हिंदू हूं और मेरे साथ हिंदू कार्ड मत खेलो! मैं सुबह चंडी पाठ कर घर से निकलती हूं. मैं चंडी पाठ सुना रही हूं, जो हिंदू मुसलमान कर रहे हैं सुन लें...

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो) बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
अनुपम मिश्रा/पॉलोमी साहा
  • नंदीग्राम,
  • 09 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 7:12 PM IST
  • नंदीग्राम जनसभा में जमकर बरसीं ममता
  • बीजेपी के हिंदू कार्ड पर साधा निशाना
  • 10 मार्च को नंदीग्राम से भरेंगी पर्चा

बंगाल विधानसभा चुनाव की सबसे हाई प्रोफाइल सीट नंदीग्राम से ममता बनर्जी ने हुंकार भर दी है. ममता बनर्जी बुधवार को यहां से पर्चा दाखिल करेंगी. इससे पहले मंगलवार को एक जनसभा में ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा. साथ ही बीजेपी को हिंदुत्व की राजनीति पर नसीहत भी दी.  

बीजेपी के हिंदू कार्ड पर ममता बनर्जी ने कहा कि मैं भी हिंदू हूं और मेरे साथ हिंदू कार्ड मत खेलो! मैं सुबह चंडी पाठ करके घर से निकलती हूं. मैं चंडी पाठ सुना रही हूं, जो हिंदू-मुसलमान कर रहे हैं सुन लें. पांव खींच खींचकर झूठ मत बोलिए. आने वाले दिनों में नंदीग्राम का मॉडल तैयार करूंगा. जनता से ममता ने कहा कि एक अप्रैल को उनको अप्रैल फूल कर दीजिएगा. एक अप्रैल-खेला होगे. चुनाव बाद देखूंगी कि जीभ में कितना जोर है. मिठाई खाइए जीभ की कटुता मिटेगी.

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पुराने सीपीएम को लेकर आई है बीजेपी

ममता ने कहा कि बीजेपी पुराने सीपीएम को यहां लेकर आई है, जिन्होंने आप पर अत्याचार किया था. उन्हें यहां मत घुसने देना. इस बार महा शिवरात्रि यहीं मनाऊंगी, जल चढ़ा कर यहां से जाऊंगी. ममता ने कहा कि मैं गांव की बेटी हूं. मैंने पहले से ही सोच रखा था कि इस बार नंदीग्राम या सिंगुर से लड़ूंगी. मैं नंदीग्राम का विकास मॉडल लाना चाहती हूं. आप लोगों ने मुझे स्वीकार किया है, इसलिए नंदीग्राम आई हूं. अगर आप लोगों को मेरा यहां से चुनाव लड़ना गलत लगता है तो मैं पर्चा नहीं दाखिल करूंगी. आप लोगों की स्वीकृति के बाद ही नामांकन दाखिल करूंगी. बता दें ममता बनर्जी तीन दिन नंदीग्राम में रहेंगी. 10 मार्च को नामांकन दाखिल करेंगी. उनका मुकाबला बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी से है, जो कभी ममता के बहुत करीबी थे. 

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नंदीग्राम आंदोलन की दिलाई याद

उन्होंने कहा कि जब नंदीग्राम में आंदोलन हो रहा था तो मेरे घर काली पूजा हो रही थी. जिस तरह 14 मार्च को गोली चली थी, वो सबको याद है. मैं नंदीग्राम अकेली जा रही थी. मुझे रोकने की कोशिश की जा रही थी. राज्यपाल ने मुझे फोन करके कहा था कि रात को आपको नंदीग्राम नहीं जाना चाहिए. तमाम अत्याचार के बावजूद मैं पीछे नहीं हटी. मेरे ऊपर गोली भी चलाई गई थी, लेकिन मैं बंगाल के लिए डटी रही. इस दौरान ऐसे बहुत से लोगों को हमारे साथ होना चाहिए था, लेकिन वो नहीं आए.

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