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बंगाल का किसान भी आंदोलन के साथ, वापस लेने होंगे तीनों कृषि कानूनः ममता बनर्जी

इंडिया टुडे ईस्ट कॉन्क्लेव 2021 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल का किसान भी आंदोलन के साथ है और केंद्र सरकार को ये तीनों कानून वापस लेने होंगे. 

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (PTI) पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (PTI)
aajtak.in
  • कोलकाता,
  • 11 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:43 PM IST
  • कोलकाता में आज इंडिया टुडे ईस्ट कॉन्क्लेव 2021 का आयोजन
  • बंगाल चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने बीजेपी को जमकर घेरा
  • ममता ने कहा- बंगाल किसान आंदोलन के साथ, तीनों कानून वापस हों

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन को मुट्ठी भर लोगों का आंदोलन बताकर सवाल उठाए जा रहे हैं. कहा ये भी जा रहा है कि एक-दो राज्य के लोग ही इस आंदोलन का हिस्सा हैं. इस मसले पर इंडिया टुडे ईस्ट कॉन्क्लेव 2021 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल का किसान भी आंदोलन के साथ है और केंद्र सरकार को ये तीनों कानून वापस लेने होंगे.

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ममता बनर्जी ने कहा कि किसानों के आंदोलन को हमारा पूरा समर्थन है. ये तीनों कृषि कानून वापस होने चाहिए. ममता बनर्जी ने कहा कि इन कानूनों का असर बंगाल में भी पड़ा है, इसीलिए हमने फैसला किया है कि हम किसानों को नहीं लुटने देंगे. यही वजह है कि बंगाल का किसान शांत है. लेकिन यहां के किसानों का पूरा समर्थन आंदोलन के साथ है.

पीएम किसान निधि योजना का पैसा बंगाल के किसानों को नहीं मिलने के आरोप पर ममता बनर्जी ने कहा कि जो पोर्टल बनाया है वो केंद्र का ही है. डाटा उनके पोर्टल में है. हम 3 लाख लोगों का रिव्यू कर चुके हैं. ममता ने कहा कि जब कुछ नहीं करना होता तो राज्य सरकार की गलती बता दी जाती है. 

गौरतलब है कि दिल्ली के बॉर्डरों पर कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर से किसानों का आंदोलन चल रहा है. किसानों और केंद्र सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. पीएम नरेंद्र मोदी संसद में भी कह चुके हैं कि एमएसपी खत्म नहीं होगी, लेकिन किसानों का कहना है कि एमएसपी पर कानून बना दीजिए. 

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दूसरी तरफ किसानों के आंदोलन को पंजाब, हरियाणा और पश्चिम यूपी का आंदोलन भी बताया जा रहा है. साथ ही ये भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि कुछ मुट्ठीभर लोग जिनके अपने हित हैं वो इस आंदोलन को हवा दे रहे हैं, जबकि तीनों नए कृषि कानूनों से छोटे किसानों को लाभ मिलने वाला है. 

 

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