
पश्चिम बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच कांटे की टक्कर है. दोनों पार्टियां महिलाओं को लुभाने में जुटी हुई हैं. दोनों पार्टियां अपनी-अपनी योजनाओं के जरिये महिलाओं के लिए बेहतर काम करने का दावा कर रही हैं. आइए जानें ऐसी कौन सी योजनाएं हैं, जिनके जरिए ममता और बीजेपी महिलाओं को लुभाने में जुटी हुई हैं.
टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कन्याश्री, रूपाश्री और मातृत्व शिशु देखभाल जैसी योजनाओं से भी महिलाओं को लुभाने की पूरी कोशिश की है. टीएमसी ने ममता बनर्जी की जीत के लिए बंगाल की बेटी ही चाहिए का नारा बुलंद किया है.
बहरहाल, ममता बनर्जी ने जहां कन्याश्री योजना बनाई है जिसके जरिये 13 से 18 साल की पढ़ने वाली लड़कियों को हर साल एक हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिलती है. उधर मोदी सरकार उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन देकर महिलाओं का जीवन बदलने का दावा करती है.
हालांकि ममता गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र पर निशाना साध रही हैं. वहीं ममता की रूपाश्री योजना के तहत 18 साल से अधिक उम्र की गरीब लड़कियों को शादी के लिए 25 हजार रुपये दिए जाते हैं तो मोदी सरकार जल जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी का कनेक्शन दे रही है.
ममता ने स्वास्थ्य साथी हेल्थकार्ड से डेढ़ लाख रुपये तक की कवरेज दी है, जबकि मोदी सरकार की आयुष्मान योजना में 5 लाख रुपये का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा है. लेकिन ये योजना बंगाल में लागू नहीं है.
ममता बनर्जी ने मातृत्व/शिशु देखभाल योजना के तहत सरकारी नौकरी करने वाली महिलाओं को 2 साल तक की छुट्टी का प्रावधान किया है, वहीं केंद्र ने जीवन ज्योति योजना के तहत 330 रुपये के प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का कवरेज दिया है.